Chhatarpur: रेहड़ीवालों पर नगर निगम की ये कैसी कार्रवाई? ठेलों को JCB से तोड़कर किया नष्ट, छतरपुर का VIDEO देखकर सोशल मीडिया पर लोगों ने जताई नाराजगी

सरकार ने रेहड़ीवालों के लिए लोन की योजना शुरू की थी. जिसके तहत छोटे दुकानदारों को 10 हजार रूपए का लोन दिया जाता है. जिससे की वे अपना रोजगार कर सके. लेकिन अब मध्य प्रदेश के छतरपुर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है. जिसको देखने के बाद लोग रोष जता रहे है.

Credit-(X,@priyarajputlive)

छतरपुर, मध्य प्रदेश: सरकार ने रेहड़ीवालों के लिए लोन की योजना शुरू की थी. जिसके तहत छोटे दुकानदारों को 10 हजार रूपए का लोन दिया जाता है. जिससे की वे अपना रोजगार कर सके. लेकिन अब मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के छतरपुर (Chhatarpur) से एक ऐसा वीडियो (Video) सामने आया है. जिसको देखने के बाद लोग रोष जता रहे है. यहां पर देख सकते है की सड़क के किनारे ठेला लगानेवाले गरीब दुकानदारों पर नगर निगम ने कार्रवाई की. इस दौरान इन दुकानदारों के ठेले जब्त नहीं किए गए, बल्कि उनके ठेलों को जेसीबी की मदद से तोड़ दिया गया है. इस दौरान पुलिस और नगर निगम के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे.

इस दौरान इन गरीब ठेला चालक दुकानदारों का काफी नुकसान हुआ है. इस वीडियो को सोशल मीडिया X पर @priyarajputlive नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Chhatarpur Shocker: पति ने की हैवानियत से भरी हरकत! पत्नी को मोमोज में दिया ड्रग्स, फिर दोस्त के साथ मिलकर किया रेप, मध्य प्रदेश के छतरपुर में भयावह घटना आई सामने

जेसीबी से तोड़े ठेले

छतरपुर में नगर निगम की कार्रवाई

सरकार ( Government) की स्ट्रीट वेंडर योजना के तहत जिन रेहड़ी-पटरी वालों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 10,000 की मदद दी गई थी, उन्हीं गरीबों के ठेले अब बुलडोजर से तोड़ दिए गए.नगर निगम प्रशासन का कहना है कि यह इलाका शहर का व्यस्ततम मार्ग है, और ठेले-गुमटियों की वजह से यातायात प्रभावित हो रहा था.अधिकारियों का दावा है कि रेहड़ी वालों को पहले भी कई बार यहां ठेला न लगाने की चेतावनी दी गई थी,बावजूद इसके, कुछ लोग बार-बार वहीं लौटकर अपना ठेला लगाते थे, इसलिए कार्रवाई करनी पड़ी.

गरीबों के ठेले पर चला जेसीबी

स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन को कार्रवाई करनी ही थी तो विकल्प और भी थे, लेकिन गरीबों की रोज़ी पर बुलडोजर चलाना क्या एकमात्र समाधान था?एक ठेलेवाले ने कहा,'सरकार ने हमें काम करने के लिए पैसे दिए, और अब वही ठेला हमारी रोज़ी छीनने का कारण बन गया. लोगों ने इस घटना को लेकर अधिकारियों की इस कार्रवाई पर भी नाराजगी जताई है.

 

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