Chandrayaan-3 ने 16 अगस्त बुधवार को चंद्रयान-3 ने चांद की चौखट पर दस्तक दे दी है. ISRO की ओर से एक बार फिर चंद्रयान-3 के ऑर्बिट को घटाया गया. ऑर्बिट घटाने की ये आखिरी प्रक्रिया थी. इसी के साथ चंद्रयान की चांद से दूरी और भी कम हो गई. भारत का ये स्पेसक्राफ्ट अब 153 Km x 163 Km की कक्षा में पहुंच गया है. 17 अगस्त को इसरो चंद्रयान-3 के प्रोपल्शन मॉड्यूल को लैंडर से अलग करेगा. यह मन्यूवर चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसके बाद स्पेसक्राफ्ट सॉफ्ट लैंडिंग के लिए तैयारी करेगा. Chandrayaan-3: रूस के लूना-25 से पहले चांद पर पहुंचेगा चंद्रयान-3, ISRO के पूर्व वैज्ञानिक ने किया दावा.
भारत के महत्वाकांक्षी तीसरे चंद्रमा मिशन के तहत चंद्रयान-3 बुधवार को, पृथ्वी के इकलौते उपग्रह की पांचवी और अंतिम कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर गया, तथा चंद्रमा की सतह के और भी करीब आ गया. इस साल 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 लगातार अपने टारगेट की ओर आगे बढ़ रहा है. 5 अगस्त को चंद्र कक्षा में प्रवेश करने के बाद स्पेसक्राफ्ट ऑर्बिट में घूम रहा है, जिससे धीरे-धीरे चंद्रमा से इसकी दूरी कम हो रही है.
कल का दिन बेहद अहम
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने कहा कि इसके साथ ही चंद्रयान-3 ने चंद्रमा तक पहुंचने की अपनी प्रक्रिया पूरी कर ली है और अब यह प्रणोदन मॉड्यूल और लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की तैयारी करेगा. इसरो ने कहा कि 17 अगस्त को चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल से लैंडर मॉड्यूल को अलग करने की योजना है.
23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर करेगा लैंड
14 जुलाई को प्रक्षेपण के बाद चंद्रयान-3 ने पांच अगस्त को चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश किया, जिसके बाद इसने छह, नौ और 14 अगस्त को चंद्रमा की अगली कक्षाओं में प्रवेश किया तथा उसके और निकट पहुंचता गया. चंद्रयान-3 को चंद्रमा के ध्रुवों पर स्थापित करने का अभियान आगे बढ़ रहा है. इसरो चंद्रयान-3 को चंद्रमा की कक्षा में पहुंचाने का प्रयास कर रहा है और चंद्रमा से उसकी दूरी धीरे-धीरे कम होती जा रही है. चंद्रयान-3 के 23 अगस्त को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग करने की उम्मीद है.