Chandrayaan 3 Launch Today Live Streaming: लाइव देखें चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग, 36 हजार KMPH की रफ्तार से चांद के लिए उड़ान भरेगा रॉकेट

चंद्रयान-3 को आज दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जा रहा है. इसे चांद तक पहुंचने में महीनेभर से ज्यादा का समय लगेगा. 23 या 24 अगस्त को ये चांद की सतह पर लैंड कर सकता है. हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है.

Chandrayaan 3 Launch Today Live Streaming: लाइव देखें चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग, 36 हजार KMPH की रफ्तार से चांद के लिए उड़ान भरेगा रॉकेट

चंद्रयान-3 को आज दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जा रहा है. इसे चांद तक पहुंचने में महीनेभर से ज्यादा का समय लगेगा. 23 या 24 अगस्त को ये चांद की सतह पर लैंड कर सकता है. हालांकि, ये तारीख आगे-पीछे भी हो सकती है.

देश Shubham Rai|
Chandrayaan 3 Launch Today Live Streaming: लाइव देखें चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग, 36 हजार KMPH की रफ्तार से चांद के लिए उड़ान भरेगा रॉकेट
(Photo Credit : Twitter)

Chandrayaan 3 Launch Live Streaming: चंद्रयान-3 को आज दोपहर 2:35 बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से लॉन्च किया जा रहा है. भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है. दोपहर 2.35 बजे जब रॉकेट बूस्टर को लॉन्च किया जाएगा तो इसकी शुरुआती रफ्तार 1627 किमी प्रति घंटा होगी.

लॉन्च के 108 सेकंड बाद 45 किमी की ऊंचाई पर इसका लिक्विड इंजन स्टार्ट होगा और रॉकेट की रफ्तार 6437 किमी प्रति घंटा हो जाएगी. आसमान में 62 किमी की ऊंचाई पर पहुंचने पर दोनों बूस्टर रॉकेट से अलग हो जाएंगे और रॉकेट की रफ्तार 7 हजार किमी प्रति घंटा पहुंच जाएगी.

चंद्रयान-3 धरती से चांद की 3.84 लाख किमी की दूरी 40 दिनों में तय करेगा. लॉन्चिंग के बाद रॉकेट इसे पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा. इस दौरान रॉकेट 36 हजार किमी/घंटे की अधिकतम रफ्तार तक सफर करेगा. इसे पूरा करने में इसे 16 मिनट लगेंगे.

ISRO Chandrayaan-3 Launch Live Streaming-

चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 में भी लैंडर और रोवर भेजा जाएगा लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा. ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले मून मिशन का ऑर्बिटर अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है. चंद्रयान-3 की चंद्रमा पर लैंडिंग 23-24 अगस्त को रखी गई है लेकिन वहां सूर्योदय की स्थिति को देखते हुए इसमें बदलाव हो सकता है. अगर सूर्योदय में देरी होती है तो इसरो लैंडिंग का समय बढ़ाकर इसे सितम्बर में कर सकता है. अगर इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा. इस पूरे मिशन का खर्च 615 करोड़ है.

चंद्रयान-3 का मकसद क्या है? 

ISRO वैज्ञानिक दुनिया को बताना चाहते हैं कि भारत दूसरे ग्रह पर भी सॉफ्ट लैंडिंग करा सकता है. वहां अपना रोवर चला सकता है. वैज्ञानिक चांद की सतह, वायुमंडल और जमीन के भीतर होने वाली हलचलों का पता करना चाहते हैं.

 

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