भारत में आतंकी भेजने की पाकिस्तान की कोशिशें जारी, पिछले साल के मुकाबले इस वर्ष सीजफायर उल्लंघन 50-60 फीसदी बढ़ा: J&K डीजीपी दिलबाग सिंह
इंडियन आर्मी (Photo Credits: PTI/File)

श्रीनगर: ऐसे समय में जब दुनिया कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से निपटने के लिए जूझ रही है, पाकिस्तान (Pakistan) अभी भी भारत की शांति भंग करने के प्रयासों में लगा हुआ है. पिछले वर्ष की तुलना में 2020 में पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन (Ceasefire Violations) की घटनाओं में भारी वृद्धि हुई है. जम्मू और कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह (DGP Dilbag Singh) ने शुक्रवार को कहा कि 2019 की तुलना में इस साल पाकिस्तानी सेना द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन में 50-60 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

जम्मू-कश्मीर DGP दिलबाग सिंह ने कहा, इस साल सीजफायर उल्लंघन पिछले साल के मुकाबले 50-60 प्रतिशत बढ़ा है. पाकिस्तान और उसकी एजेंसी का मकसद रहता है कि सीजफायर उल्लंघन की आड़ में इस तरफ और आतंकी भेज सकें. डीजीपी ने आगे कहा, बॉर्डर की ग्रिड पहले से ज्यादा सुदृढ़ हुई है और इससे पहले के मुकाबले घुसपैठ बहुत कम हुई है.

दिलबाग सिंह ने कहा कि पाकिस्तान लगातार इस कोशिश में रहता है कि अधिक आतंकवादियों को भारत में भेजा जाए. उन्होंने कहा, "2018 की तुलना में 2019 में संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. यह भी पढ़ें: अब्दुल गनी मीर बने जम्मू-कश्मीर के एडिशनल डीजीपी, नई जिम्मेदारी के अलावा पुलिस मुख्यालय का भी संभालेंगे कार्यभार. 

DGP दिलबाग सिंह का बयान

बुधवार रात को, पाकिस्तानी सेना ने नियंत्रण रेखा (एलओसी) के साथ भारतीय गांवों को निशाना बनाया. जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के तंगधार सेक्टर के हाजित्रा गांव की एक महिला भी इस संघर्ष विराम उल्लंघन में गोलीबारी से घायल हो गई. उसकी हालत अब स्थिर बताई गई है.

इस साल जनवरी से लेकर अब तक पाकिस्तान ने 2,711 बार एलओसी पर संघर्ष विराम का उल्लंघन किया है. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, 2019 में, पाकिस्तान ने 3,168 बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया. यह 2003 के बाद से पाकिस्तान द्वारा संघर्ष विराम उल्लंघन की सबसे अधिक संख्या है.