नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के शीर्ष अधिकारियों के बीच लड़ाई के साल भर से ज्यादा समय बाद जांच एजेंसी कई वरिष्ठ अधिकारियों के फेरबदल के लिए तैयार है. सूत्रों ने बुधवार को यह जानकारी दी. घटनाक्रम से जुड़े एक वरिष्ठ सीबीआई सूत्र ने आईएएनएस से कहा, "वरिष्ठ अधिकारियों का फेरबदल एजेंसी में अगले दो हफ्तों में दिखाई देगा. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने संयुक्त निदेशक और पुलिस उपमहानिरीक्षक स्तर के अधिकारियों की सूची तैयार की है, जो सालों से एजेंसी में एक ही पद पर हैं.
सीबीआई के एक अन्य सूत्र ने कहा कि तबादले सरकार द्वारा निर्धारित 'रूटीन' कार्यक्रम का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि तबादले में किसी अधिकारी को 'निशाना' नहीं बनाया जा रहा है और यह पूरी तरह से 'निष्पक्ष' है. बीते कुछ हफ्तों में सीबीआई ने पुलिस अधीक्षक, पुलिस उपाधीक्षक, निरीक्षकों और उप निरीक्षक स्तर के अधिकारियों का तबादला किया है, जो बीते कुछ सालों से एक ही पद पर थे. सूत्र ने यह भी कहा कि सहायक निदेशक प्रवीण सिन्हा की अगुवाई में एक टीम सीबीआई के निदेशक ऋषि कुमार शुक्ला की सिफारिश के अनुसार सीबीआई के अपराध नियमावली को अपग्रेड कर रही है. यह भी पढ़े: सीबीआई के अधिकारी पर फर्जी मुठभेड़ में शामिल होने का लगा आरोप, एजेंसी ने इनकार करते हुए कहा- ऐसा कोई सबूत सामने नहीं आया
सूत्र के अनुसार, नए अपराध नियमावली में अब महत्वपूर्ण बदलाव शामिल होंगे जैसे भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम और आपराधिक प्रक्रिया संहिता, इन दोनों में 2018 में संशोधन किए गए हैं. इसमें साइबर अपराधों पर भी ज्यादा ध्यान केंद्रित होगा। एजेंसी ने कहा कि नियमावली को अंतिम बार 2005 में र्रिडाफ्ट किया गया था, उसके बाद से अपराधों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
नियमावली से एजेंसी को अन्य कानून प्रवर्तन एजेंसियों के साथ जुड़ने और अपनी जांच में किसी भी तरह की समस्याओं को दूर करने के लिए समन्वय करने की निर्धारित प्रक्रिया को पूरा करने में मदद मिलेगी. अक्टूबर 2018 में तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच लड़ाई सार्वजनिक हो गई थी। इसकी वजह से सरकार को मामले में हस्तक्षेप करना पड़ा और दोनों अधिकारियों का एजेंसी से बाहर तबादला करना पड़ा.