पीएनबी घोटाला : सीबीआई ने  इलाहाबाद बैंक की सीईओ उषा समेत  22 अन्य के खिलाफ दाखिल किया आरोपपत्र
पीएनबी बैंक, सीबीआई, चोकसी , नीरव मोदी (Photo Credits: File Photo)

नई दिल्ली:  केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में इलाहाबाद बैंक की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी उषा अनंतसुब्रमण्यम और 21 अन्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें नीरव मोदी और उसका मामा मेहुल चोकसी भी कथित तौर पर शामिल है. एजेंसी ने यहां विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष आरोप पत्र में पीएनबी के कार्यकारी निदेशक के. वी. ब्रह्माजी राव और संजीव शरण और महाप्रबंधक नेहाल अहल (जो अंतर्राष्ट्रीय परिचालन देखता था) और राजेश जिंदल को भी आरोपी बनाया है.

सीबीआई अधिकारियों ने कहा कि आरोप पत्र में नीरव मोदी और उसके भाई निशाल को वित्त वर्ष 2011-17 के दौरान 6,490.20 करोड़ रुपये के घोटाले जो लेटर्स ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) के माध्यम से किए गए में आरोपी बनाया है.

एजेंसी ने कहा कि दूसरे मामले में जिसमें चोकसी आरोपी है, उसे बाद में दायर किया जाएगा.

सीबीआई ने अब तक इस मामले में जनवरी से मार्च से बीच तीन एफआईआर दायर किए हैं. ज्यादा आरोपियों के नाम सभी मामलों में समान है.

सोमवार को दाखिल आरोपपत्र एजेंसी द्वारा 31 जनवरी को दर्ज पहली प्राथमिकी के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें नीरव मोदी, उसकी पत्नी अमी, भाई निशल और मामा चोकसी समेत अन्य को आरोपी बनाया गया है.  इस मामले की पहली शिकायत पीएनबी के मुंबई स्थित जोनल कार्यालय के उपमहाप्रबंधक द्वारा दर्ज कराई गई थी.

सीबीआई ने बाद में इस धोखाधड़ी मामले में दो और एफआईआर दर्ज किए. ज्यादातर मामलों में मुख्य आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी व अन्य के खिलाफ एफआईआर दायर किया गया है.

दूसरे और तीसरे एफआईआर में चौकसी, गीतांजलि जेम्स और अन्य को आरोपी बनाया गया है.

इस मामले में अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि मोदी और चोकसी फरार हैं.

मोदी समूह की कंपनियों- डायमंड आर यूएस, स्टीलर डायमंड्स, और सोलर एक्सपोट्स के भी नाम आरोपपत्र में कर्जदार के रूप में है.

सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) द्वारा 13,000 करोड़ रुपये से अधिक के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में दायर आरोप-पत्र में इलाहाबाद बैंक की मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक उषा अनंतसुब्रह्मण्यम पर घोटाले में भूमिका के आरोप के बाद अब सरकार (वित्त मंत्रालय) ने उन्हें पद से हटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.

अनंत सुब्रह्मण्यम साल 2015 के अगस्त से 2017 के मई तक पीएनबी की एमडी और सीईओ रही हैं. सीबीआई ने उनसे इस घोटाले के संबंध में फरवरी में पूछताछ की थी. सोमवार को सीबीआई ने इस मामले में उनकी भूमिका को लेकर आरोप-पत्र दायर किया है.

वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) ने इलाहाबाद बैंक के सरकारी प्रतिनिधि से अनंतसुब्रह्मण्यम से उनकी शक्तियां छीनने के लिए निदेशक मंडल के समक्ष प्रस्ताव रखने को कहा है.

उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर अंतिम निर्णय निदेशक मंडल लेगा.

अधिकारी ने कहा कि पीएनबी के दो कार्यकारी निदेशकों के खिलाफ भी इसी प्रकार की कार्रवाई की जाएगी.

उन्होंने कहा, "डीएफएस ने आरोपी अधिकारियों को पद से हटाने और बर्खास्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी है.  वहीं, उनके खिलाफ विभागीय जांच भी अलग से जारी रहेगी.