नयी दिल्ली. सीबीआई ने सोमा इंटरप्राइजेज के उपाध्यक्ष (वीपी) पी आर राव को कंपनी के खिलाफ लंबित जांच को समाप्त करने के लिए एजेंसी के अधिकारियों को रिश्वत की पेशकश करने के आरोप में शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. इस मामले में सीबीआई के डीआईजी-रैंक के अधिकारियों को दो करोड़ रुपये की रिश्वत देने की कोशिश की गयी थी. इसी मामले में एक दिन पहले ही गृह मंत्रालय के अधिकारी धीरज सिंह और एक अन्य व्यक्ति दिनेश चंद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया था.
आरोप है कि गृह मंत्रालय के पुलिस-1 डिवीजन में तैनात सिंह ने डीआईजी रैंक के अधिकारी आसरा गर्ग को कंपनी के खिलाफ मामला सुलझाने के लिए दो करोड़ रुपये की रिश्वत की पेशकश की. अधिकारियों ने बताया कि यह पेशकश राव की ओर से की गयी. यह भी पढ़े-भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने की अलग-अलग कार्रवाई, प्राचार्य और अध्यापक को 7 हजार व भू-अभिलेख निरीक्षक को 15 हजार रूपये की रिश्वत लेते हुए किया गिरफ्तार
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु कैडर के अधिकारी गर्ग ने इसकी जानकारी अपने वरिष्ठ अधिकारियों को दी और इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई. सीबीआई की भ्रष्टाचार विरोधी इकाई के डीआईजी गर्ग ने 11 सितंबर 2019 को दर्ज अपनी शिकायत में आरोप लगाया कि सिंह ने उनसे संपर्क किया और कहा कि वह उन्हें एक व्यक्ति से मिलाना चाहते हैं. वह और सिंह पहले से परिचित थे. गर्ग ने कहा कि सिंह ने कुछ दिन पहले उनका परिचय सोमा इंटरप्राइजेज के प्रतिनिधि गुप्ता से कराया.
अधिकारी ने अपनी शिकायत में कहा कि सिंह और गुप्ता ने गर्ग को बताया कि कंपनी के खिलाफ सीबीआई जांच चल रही है और वे कंपनी के पक्ष में इस मामले को निपटाने में उनकी मदद चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने दो करोड़ रूपए की रिश्वत की पेशकश की.