कोलकाता, 19 अप्रैल : कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने शुक्रवार को उसी अदालत के पहले के एक आदेश को बरकरार रखा, जिसमें उत्तरी बंगाल में कलिम्पोंग, दार्जिलिंग, कर्सियांग में गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) द्वारा संचालित स्कूलों में भर्ती अनियमितताओं की शिकायतों की सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.
मामले की सीबीआई जांच का आदेश न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु की एकल-पीठ ने दिया था. इसने केंद्रीय एजेंसी को 25 अप्रैल तक अदालत में एक रिपोर्ट पेश करने का भी निर्देश दिया था. इस फैसले के खिलाफ राज्य सरकार ने न्यायमूर्ति हरीश टंडन और न्यायमूर्ति मधुरेश प्रसाद की खंडपीठ का रुख किया. खंडपीठ ने शुक्रवार को न्यायमूर्ति बिस्वजीत बसु द्वारा पारित आदेश को बरकरार रखा. यह भी पढ़ें : लोकसभा चुनाव की शुरुआत के साथ सोशल मीडिया पर मीम की बाढ़
खंडपीठ ने सीबीआई को 25 अप्रैल तक रिपोर्ट सौंपने के लिए भी कहा. सरकार ने जीटीए द्वारा संचालित स्कूलों की भर्ती प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाने वाले दो गुमनाम पत्रों पर संदेह व्यक्त किया था. इन पत्रों के आधार पर सीबीआई जांच का आदेश दिया गया था.