कोलकाता, 18 जनवरी: कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गंगोपाध्याय ने करोड़ों रुपये के शिक्षक भर्ती घोटाले के मुद्दे पर बुधवार को नोबेल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन और अभिजीत विनायक बनर्जी की चुप्पी पर सवाल उठाया. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने न्यायालय में वरिष्ठ अधिवक्ता और सीपीआई-एम के राज्यसभा सदस्य बिकास रंजन भट्टाचार्य के साथ एक चर्चा में घोटाले पर दो प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों के अवलोकन के बारे में पूछा. Assembly Election 2023: त्रिपुरा में 16 फरवरी, मेघालय-नागालैंड में 27 फरवरी को होगी वोटिंग, 2 मार्च को आएंगे नतीजे
उन्होंने कहा- वह दोनों अक्सर कई मुद्दों पर बयान देते हैं और अपनी राय रखते हैं. मेरी जिज्ञासा यह है कि शिक्षकों के घोटाले पर उनकी क्या राय है. यह इतने बड़े परिमाण का घोटाला था. नोबेल पुरस्कार विजेताओं का क्या कहना है?
अमर्त्य सेन ने प्रतीची ट्रस्ट का गठन किया है और इस क्षेत्र में काम कर रहे हैं. नोबेल पुरस्कार विजेता अभिजीत विनायक बनर्जी भी वहां हैं. मैं वास्तव में जानना चाहता हूं कि वह इस मुद्दे पर क्या कह रहे हैं और इस मामले में दो महान शिक्षाविदों की क्या राय है. न्यायमूर्ति गंगोपाध्याय ने यह बातें कहीं, जो शिक्षक भर्ती घोटाले में अपने निर्णयों और टिप्पणियों के कारण पिछले एक साल से राष्ट्रीय सुर्खियों में हैं.
पिछले हफ्ते, सेन ने देखा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी हासिल करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दावेदार हैं. हालांकि, उन्होंने साथ ही इस बात पर भी संदेह जताया कि वह भाजपा के खिलाफ विपक्ष को कहां तक एकजुट कर पाएंगी. दूसरी ओर, बनर्जी महामारी के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री द्वारा गठित कोविड-19 संबंधित स्थायी समिति के सदस्य थे.