VIDEO: 'मोहम्मद शमी ने हाउसवाइफ बनने पर मजबूर किया', पत्नी हसीन जहां ने क्रिकेटर पर लगाया आरोप

पश्चिम बंगाल के कोलकाता से एक खबर सामने आई है जहां क्रिकेटर मोहम्मद शमी (Mohammed Shami) की पत्नी हसीन जहां (Hasin Jahan) ने अपने और अपनी बेटी के भरण-पोषण के लिए कानून का सहारा लिया है. अदालत ने अपने फैसले में क्रिकेटर मोहम्मद शमी को अपनी पत्नी और बेटी को हर महीने भरण-पोषण (Alimony) के लिए राशि देने का आदेश दिया है.

हसीन जहां का कहना है कि शादी से पहले वह मॉडलिंग और एक्टिंग करती थीं. मोहम्मद शमी ने उन्हें अपना पेशा छोड़ने और सिर्फ एक गृहिणी बनकर रहने के लिए मजबूर किया था. हसीन जहां ने शमी के प्रति अपने प्यार के कारण खुशी-खुशी यह बात मान ली थी. लेकिन अब उनके पास अपनी कोई कमाई नहीं है. शमी ने उनके भरण-पोषण की ज़िम्मेदारी उठाने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें अदालत का दरवाज़ा खटखटाना पड़ा.

हसीन जहां ने इस बात पर संतोष व्यक्त किया कि देश में ऐसा कानून है जो लोगों को अपनी ज़िम्मेदारियाँ निभाने का आदेश देता है. उन्होंने कहा कि जब आप किसी के साथ रिश्ते में आते हैं तो उनके चेहरे पर यह नहीं लिखा होता कि उनका चरित्र खराब है, या वे आपराधिक स्वभाव के हैं, या वे आपके और आपकी बेटी के भविष्य के साथ खिलवाड़ करेंगे. हसीन जहां ने खुद को इसका शिकार बताया.

कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला

कलकत्ता हाई कोर्ट के फैसले पर हसीन जहां के वकील इम्तियाज़ अहमद ने बताया कि यह हसीन जहाँ के लिए सबसे अच्छा पल था. वह 2018 से 2024 तक न्याय के लिए भटक रही थीं.

अदालत ने फैसला सुनाया है कि मोहम्मद शमी हसीन जहां को हर महीने 1.5 लाख रुपये और अपनी बेटी के लिए 2.5 लाख रुपये देंगे. इसके अलावा, बेटी को जब भी मदद की ज़रूरत होगी, मोहम्मद शमी उसे पूरा करेंगे. हाई कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट को छह महीने के भीतर अंतरिम आदेश के मुख्य आवेदन का निपटारा करने का निर्देश दिया है. वकील ने यह भी बताया कि जब वे भरण-पोषण पर सुनवाई पूरी करने के लिए ट्रायल कोर्ट लौटेंगे, तो यह राशि बढ़कर 6 लाख रुपये होने की पूरी संभावना है, क्योंकि हसीन जहाँ ने अपने भरण-पोषण आवेदन में 7 लाख रुपये और 3 लाख रुपये की मांग की थी.