नई दिल्ली: संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ दायर याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है. शीर्ष कोर्ट ने सीएए से संबंधित याचिकाओं पर चार हफ्तों के भीतर केंद्र सरकार से जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है और 5 हफ्ते के लिए सुनवाई टाल दी है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को थोड़ी राहत देते हुए नागरिकता कानून पर तत्काल रोक लगाने से साफ मना कर दिया. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इस मामलें पर देश की किसी भी हाईकोर्ट में सुनवाई नहीं करने का निर्देश दिया है.
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इसके क्रियान्वयन के खिलाफ कोई भी आदेश तत्काल पारित करने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि इस बारे में कोई अंतरिम आदेश संविधान पीठ पारित करेगी. जिस पर फैसला अगली सुनवाई के दौरान लिया जा सकता है. हालांकि केंद्र सरकार ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि नागरिकता की प्रक्रिया को स्थगित करना संभव नहीं है. लखनऊ रैली में अमित शाह ने भरी हुंकार, कहा- वापस नहीं होगा CAA, जिसको विरोध करना करे
इसके अलावा चीफ जस्टिस (सीजेआई) एसए बोवड़े ने निर्देश में यह भी कहा कि अब कोई नई याचिका स्वीकार नहीं की जाएगी. और अगली सुनवाई में सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद ही कोई आदेश पारित किया जाएगा.
कांग्रेस नेता और वकील कपिल सिब्बल ने की CAA को संविधान पीठ के पास भेजने की मांग-
Supreme Court hearing on petitions related to #CitizenshipAmendmentAct: Kapil Sibal says, Court to decide whether this case should be referred to the Constitution Bench pic.twitter.com/wQUn6Wc1Z7
— ANI (@ANI) January 22, 2020
जबकि, सुप्रीम कोर्ट ने मामलें की सुनवाई के दौरान असम की ओर से दाखिल याचिका पर भी टिप्पणी की. देश के चीफ जस्टिस बोवड़े ने केंद्र सरकार से पूछा कि असम से संबंधित याचिका पर जवाब कब तक दाखिल किया जाएगा. जिसके बाद अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने दो हफ्ते का समय मांगा, जिस पर सीजेआई ने हामी भर दी.
Supreme Court asks Centre to file reply in four weeks. https://t.co/Twc0f7kMA2
— ANI (@ANI) January 22, 2020
उल्लेखनीय है कि सीएए को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कुल 144 याचिकाएं दायर की गई थी, जिसमें से 141 इसके खिलाफ थी. सीजेआई एसए बोवड़े की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच मामलें की सुनवाई कर रही है.