बुराड़ी कांड: मकान की छत पर 4 दिन बाद नजर आई 'रहस्यमयी' बाल्टी, कपड़े और बर्तन, पड़ोसियों में दहशत
वहीं घटना के बाद से पूरा मकान एक जुलाई से सील कर दिया गया था. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर किसने इन सभी चीजों को यहां रखा था. बता दें इस घटना से पड़ोसी डरे हुए हैं
नई दिल्ली. दिल्ली के बुराड़ी में एक ही परिवार के 11 सदस्यों के फांसी के फंदे पर लटककर रहस्यमयी आत्महत्या मामले में आए दिन चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इस बार चर्चा है 'रहस्यमयी' बाल्टी, कपड़े और बर्तनों की. जो अचानक से छत पर दिखाई दिए. वहीं इस घटना के बाद आसपास में रहने वाले लोग काफी भय में हैं उनका कहना है कि उनके बच्चे डर के मारे रात में सो नहीं पा रहे हैं. वैसे भी पहले इस घर में हुए आत्महत्या के पीछे तंत्र-मंत्र और जादू टोना का कनेक्शन सामने आ चूका है.
बता दें कि दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक उनके पड़ोसियों ने घर की छत पर एक बाल्टी और उसमें धुले कपड़े व कुछ बर्तन देखे थे. उनका कहना है कि उन्होंने घटना के बाद इन चीजों को छत पर नहीं देखा था. वहीं घटना के बाद से पूरा मकान एक जुलाई से सील कर दिया गया था. ऐसे में अब सवाल उठता है कि आखिर किसने इन सभी चीजों को यहां रखा था. बता दें इस घटना से पड़ोसी डरे हुए हैं.
वहीं जांच के दौरान पुलिस को घर की तलाशी में हस्तलिखित नोट बरामद हुए थे. नोट 'पूरे परिवार द्वारा किए गए कुछ आध्यात्मिक और रहस्यमयी अनुष्ठान' की ओर इशारा करते हैं. जांच के दौरान पुलिस के हाथ लगी रजिस्टर में लिखा था कि हम भगवान से मिलकर वापस लौट आएंगे. इस घटना ने दिल्ली पुलिस समेत बुराड़ी में रहने वालों को भी हैरान कर रखा है. बता दें कि बुराड़ी में भाटिया परिवार पिछले 23 साल से रहा करता था. वहां के लोगों के अनुसार भाटिया परिवार बेहद धार्मिक विचार वाले थे.
घटना के पीछे लालती का हाथ माना जा रहा है. खबरों के मुताबिक वो कुछ धार्मिक स्वभाव का हो गया था. वहीं परिवार के लोगों का भी उसपर पूरा विश्वास था. इस दौरान ललित अपने मरे पिताजी से बात करने की बात करता था. यही नहीं परिवार के लोग एक डायरी पर अपनी बाते लिखा करते थे और उसी को फ़ॉलो किया करते थे. बता दें कि मरने वालों में नारायणी देवी, उसके दो बेटों भवनेश और ललित, उसकी बहुएं सविता और टीना, उसकी बेटी प्रतिभा के साथ ही प्रियंका, नीतू, मोनू ध्रुव और शिवम के रूप में हुई है. परिवार राजस्थान का रहने वाला था.