नई दिल्ली, 1 फरवरी : वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने गुरुवार को लोकसभा में पेश अंतरिम बजट में किसानों के कल्याण और ग्रामीण मांग में वृद्धि को प्राथमिकता दी. किसानों को 'अन्नदाता' बताते हुए, सीतारमण ने उनकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्यों में समय-समय पर वृद्धि का उल्लेख किया. कृषि क्षेत्र के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि हर साल पीएम-किसान सम्मान योजना के तहत सीमांत और छोटे किसानों सहित 11.8 करोड़ किसानों को प्रत्यक्ष वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जबकि पीएम फसल बीमा योजना के तहत 4 करोड़ किसानों को फसल बीमा दिया जाता है.
अन्य कार्यक्रमों के साथ, इन उपायों का उद्देश्य किसानों को देश और वैश्विक बाजार दोनों के लिए भोजन का उत्पादन करने में सहायता करना है, इसमें मुफ्त राशन प्रावधानों से 80 करोड़ लोगों को लाभ होगा. अंतरिम बजट में किसानों की आय बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए कृषि में मूल्यवर्धन बढ़ाने का वादा किया गया है. यह भी पढ़ें : Budget 2024: देश के भविष्य के निर्माण का बजट, युवा, गरीब, महिला, किसान और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने पर जोर- पीएम मोदी
सीतारमण ने एकत्रीकरण, आधुनिक भंडारण, आपूर्ति श्रृंखला, प्रसंस्करण और ब्रांडिंग सहित फसल कटाई के बाद की गतिविधियों में निजी और सार्वजनिक निवेश को प्रोत्साहित करने का भी वादा किया. उन्होंने किसान-केंद्रित नीतियों, आय सहायता, जोखिम कवरेज और स्टार्ट-अप के माध्यम से प्रौद्योगिकी प्रचार द्वारा सुगम समावेशी विकास और उत्पादकता की कल्पना की. सफल योजनाओं पर प्रकाश डालते हुए, सीतारमण ने प्रधान मंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्यम योजना को औपचारिक बनाने का उल्लेख किया, जिससे 2.4 लाख स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) और 60,000 व्यक्तियों को लाभ हुआ.
38 लाख किसानों और 10 लाख रोजगार पैदा करने वाली प्रधानमंत्री किसान संपदा योजना और 1361 मंडियों को एकीकृत करने वाले इलेक्ट्रॉनिक राष्ट्रीय कृषि बाजार के योगदान के लिए भी सराहना की गई. मंत्री ने ग्रामीण आर्थिक परिदृश्य को संबोधित करते हुए कहा कि बुनियादी आवश्यकताओं के प्रावधान के साथ इन पहलों ने ग्रामीण क्षेत्रों में वास्तविक आय में वृद्धि की है, आर्थिक जरूरतों को पूरा किया है, विकास को गति दी है और रोजगार पैदा किया है.
उन्होंने आत्मनिर्भर तेल बीज अभियान का भी हवाला दिया, जिसका उद्देश्य सरसों, मूंगफली, तिल, सोयाबीन और सूरजमुखी जैसे तिलहनों में आत्मनिर्भरता हासिल करना है. उन्होंने कहा कि इसमें अधिक उपज देने वाली किस्मों, आधुनिक कृषि तकनीकों, बाजार संपर्क, खरीद, मूल्य संवर्धन और फसल बीमा के लिए अनुसंधान शामिल होगा. नैनो यूरिया की सफलता के आधार पर, सीतारमण ने सभी कृषि-जलवायु क्षेत्रों में विभिन्न फसलों पर नैनो डीएपी के विस्तारित अनुप्रयोग की घोषणा की, जिससे नवाचार और टिकाऊ कृषि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता मजबूत हुई.