BRS ने चुनाव आयोग से पूछा, पीएम मोदी और रेवंत रेड्डी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं?
Revanth Reddy ( Hindustan Times )

हैदराबाद, 2 मई : तेलंगाना की भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) ने चुनाव आयोग द्वारा उसके अध्यक्ष के.चंद्रशेखर राव को बुधवार शाम से 48 घंटे के लिए चुनाव प्रचार करने से रोकने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और चुनाव आयोग से पूछा कि उसने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की. बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के.टी. रामा राव ने चुनाव आयोग की कार्रवाई पर सवाल उठाया और पूछा कि यह किस तरह का न्याय है.

उन्होंने कहा कि क्या चुनाव आयोग को पीएम मोदी की 'भड़काऊ' टिप्पणियां नजर नहीं आ रही हैं? बीआरएस नेता ने एक्स पर लिखा, "हजारों नागरिकों की शिकायतों के बावजूद मोदी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं." बीआरएस नेता ने यह भी पूछा कि क्या रेवंत रेड्डी के "अपमानजनक शब्द" चुनाव आयोग को उपदेश की तरह लगते हैं. उन्होंने इसे पीएम और सीएम की साजिश करार देते हुए पोस्ट किया, ''तेलंगाना के बेईमान घटिया मंत्री रेवंत के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं.'' यह भी पढ़ें: Rahul Gandhi Defamation Case: अमित शाह पर टिप्पणी मामला, राहुल गांधी के खिलाफ सुल्तानपुर कोर्ट में सुनवाई आज

उन्होंने पूछा कि केसीआर की बस यात्रा से भाजपा और कांग्रेस इतनी क्यों बौखला गईं. उन्होंने कहा, "तेलंगाना के लोग आपके अहंकार और संस्थागत दुरुपयोग का करारा जवाब देंगे." रामा राव ने एक अन्य पोस्ट में कहा, "आप उन पर अस्थायी रूप से प्रतिबंध लगा सकते हैं, आप उस सच्चाई को नहीं मार सकते जो वह चाहते हैं कि तेलंगाना को पता चले. याद रखें, कड़वा सच बोलने के कारण आपसे डरने वाले केवल वही लोग हैं जो झूठ में जी रहे हैं." .

ईसीआई ने केसीआर को कांग्रेस के खिलाफ अपमानजनक और आपत्तिजनक बयान देने के कारण 48 घंटे के लिए प्रचार करने से रोक दिया. इसने उन्हें बुधवार (1 मई).की रात 8 बजे से 48 घंटों के लिए चुनाव के संबंध में कोई भी सार्वजनिक बैठक, जुलूस, रैलियां, रोड शो, साक्षात्कार और मीडिया में सार्वजनिक बयान देने से रोक दिया.

इस बीच, केसीआर ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि जब रेवंत रेड्डी ने उनके खिलाफ अभद्र भाषा और धमकी भरे शब्दों का इस्तेमाल किया तो चुनाव आयोग ने उन्हें नहीं रोका. महबूबाबाद में अपनी बस यात्रा को संबोधित करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग ने उन पर 48 घंटे का प्रतिबंध लगाया है, लेकिन वह बीआरएस कार्यकर्ताओं से 96 घंटे के लिए प्रचार करने का आग्रह कर रहे हैं.