
Mumbai: मुंबई नगर निगम (BMC) ने एक अहम फैसला लिया है, जिससे शहर के मलबा निपटान (Debris Disposal) में सुधार की उम्मीद है. बीएमसी ने अपनी ‘डेब्रिज़ ऑन कॉल’ सेवा के रेट्स में 50% की कमी करने का ऐलान किया है. इसका उद्देश्य बिल्डरों और निर्माण कंपनियों को ज्यादा से ज्यादा मलबा बीएमसी के प्लांट्स तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना है. मुंबई शहर हर दिन लगभग 7,000 से 8,000 मीट्रिक टन मलबा उत्पन्न करता है, जो बड़े पैमाने पर निर्माण कार्यों से जुड़ा हुआ है.
लेकिन बीएमसी की मलबा निपटान (Debris Disposal) फीस बाजार दरों से कहीं ज्यादा है, जिसके कारण कई बिल्डर्स इसका पालन नहीं करते. यही कारण है कि बीएमसी के मलबा निपटान (Debris Disposal) प्लांट्स में मलबा की सही तरीके से डिलीवरी नहीं हो पा रही है.
AutoDCR एकीकरण अनिवार्य करने पर विचार
अब बीएमसी ने अपनी डेब्रिज़ ऑन कॉल सेवा के रेट्स में 50% की कटौती करने का फैसला किया है ताकि बिल्डर्स को इस पर अमल करने के लिए और अधिक प्रेरित किया जा सके. इसके साथ ही, बीएमसी ऑटो-डीसीआर पोर्टल पर बिल्डरों से डेब्रिज़ डिलीवरी की अनिवार्यता लागू करने की योजना बना रही है. इसका मतलब होगा कि बिल्डरों को सीधे डेब्रिज़ बीएमसी के डिस्पोजल प्लांट्स में ही भेजना होगा, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि डेब्रिज शहर के किसी अन्य स्थान पर न फेंका जाए और शहर को गंदगी से बचाया जा सके.
मुंबईवासियों को गंदगी से मिलेगी राहत
इस फैसले से उम्मीद है कि शहर की सफाई और निर्माण कार्यों से उत्पन्न होने वाले कचरे की समस्या में महत्वपूर्ण सुधार होगा. बीएमसी का यह कदम न सिर्फ पर्यावरण के लिए अच्छा है, बल्कि मुंबईवासियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए भी लाभकारी होगा.