नई दिल्ली, 9 दिसंबर : हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधान सभा चुनाव में भाजपा ने राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जहां कांग्रेस से सत्ता छीन ली, वहीं मध्य प्रदेश में अपनी सरकार को बचाने में कामयाब रही. दक्षिण भारत राज्य तेलंगाना में भले ही भाजपा को उस तरह की जीत नहीं मिली हो, जिस तरह के दावे उसके नेता करते रहे थे. लेकिन, इसके बावजूद तेलंगाना में भाजपा का विधान सभा में संख्या बल और वोट प्रतिशत भी बढ़ा है.
कुछ महीने बाद होने वाले लोक सभा चुनाव से पहले मिली यह जीत भाजपा के लिए बहुत ज्यादा मायने रखती है क्योंकि इनमें से तीन राज्यों में भाजपा का सीधा मुकाबला कांग्रेस के साथ था, जिसमें कांग्रेस की हार हुई है. यहां तक कि कांग्रेस के साथ इंडिया गठबंधन में शामिल अन्य विपक्षी दल भी विधान सभा चुनाव में मिली हार को लेकर कांग्रेस पर चुटकी लेते हुए नजर आ रहे हैं. इसके बावजूद भाजपा विपक्षी गठबंधन को लेकर कोई रिस्क लेने को तैयार नहीं है.
विपक्षी गठबंधन को लेकर भाजपा की रणनीति बिल्कुल साफ है कि भले ही विपक्षी गठबंधन में एकता नजर आए या न आए, उनके बीच आपस में टकराव नजर आए, लेकिन भाजपा के निशाने पर पूरा विपक्षी गठबंधन रहेगा और भाजपा के शीर्ष स्तर के नेता से लेकर कार्यकर्ता तक विपक्षी गठबंधन को 'इंडी अलायन्स ' और 'घमंडिया गठबंधन' के नाम से संबोधित करते रहेंगे. यह भी पढ़ें : महिलाएं ‘बड़ी जाति’, ‘विभाजनकारी राजनीति’ से रहें आगाह: प्रधानमंत्री मोदी
भाजपा ने विपक्षी गठबंधन के खिलाफ रणनीति को लेकर अपने कैडर तक को यह संकेत दे दिया है कि भले ही पार्टी शानदार तरीके से विधान सभा चुनाव जीती हो, लेकिन पार्टी विपक्षी गठबंधन को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी. भाजपा सनातन, राम मंदिर, राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर विपक्षी गठबंधन को घेरती रहेगी और पार्टी के निशाने पर खासतौर से कांग्रेस रहेगी.
जब डीएमके सांसद ने सदन में विवादित बयान दिया तो भाजपा ने कांग्रेस और गांधी परिवार से सवाल पूछा. विधान सभा चुनावों की जीत को सनातन विरोधियों की हार करार दिया. अयोध्या में बन रहे राम मंदिर को दशकों तक कांग्रेस द्वारा लटकाने, अटकाने और भटकाने का आरोप लगाते हुए भाजपा विधान सभा चुनावों की तरह इसे लगातार अपनी रैलियों में कहती रहेगी.
तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के डीएनए वाले बयान को भी बड़ा मुद्दा बनाते हुए भाजपा लोगों को अमेठी हारने के बाद राहुल गांधी द्वारा दिए गए बयान की भी याद दिलाएगी और साथ ही यह आरोप भी लगाएगी कि कांग्रेस देश को उत्तर भारत और दक्षिण भारत में बांटना चाहती है.
राहुल गांधी समेत कई विपक्षी दलों के जातीय जनगणना और ओबीसी आरक्षण के राग के खिलाफ मोर्चा संभालते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं कह चुके हैं कि इस चुनाव (विधान सभा चुनाव) में देश को जातियों में बांटने की भरपूर कोशिश हुई. लेकिन, वह लगातार कहते रहे कि उनके लिए सबसे बड़ी जाति गरीब, युवा, महिलाएं और किसान है और इन चारों जातियों का उत्थान ही भारत को विकसित भारत बनाएगा.
विपक्षी गठबंधन की एकता और नीति पर सवाल खड़ा करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यह भी कह चुके हैं कि सिर्फ कुछ परिवारवादियों के मंच पर एक साथ आ जाने से फोटो कितनी ही अच्छी निकल जाए, देश का भरोसा नहीं जीता जाता, देश की जनता का दिल जीतने के लिए राष्ट्र सेवा का जज्बा होना चाहिए. घमंडियां गठबंधन में रत्ती भर भी वह नजर नहीं आता है.
भ्रष्टाचार के मुद्दे पर भी भाजपा गांधी परिवार, कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन में शामिल अन्य दलों पर सवाल उठाती रहेगी. कांग्रेस राज्य सभा सांसद धीरज साहू के घर से बरामद करोड़ों के कैश की खबर को शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को स्वयं एक्स पर पोस्ट कर लिखा था, "देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर इनके नेताओं के ईमानदारी के 'भाषणों' को सुनें.जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है."













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