नई दिल्ली, 12 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने रविवार को राष्ट्रीय राजधानी में समाज सुधारक और आर्य समाज के संस्थापक स्वामी दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती के उपलक्ष्य में साल भर चलने वाले समारोह की शुरूआत की. मोदी ने दयानंद सरस्वती को तर्क की आवाज बताया, जो महिलाओं से जुड़ी सदियों से चली आ रही सामाजिक बुराइयों के खिलाफ एक प्रभावी ताकत के रूप में उभरे.
प्रधान मंत्री ने कहा, उन्होंने भारतीय समाज में वेदों के सार को फिर से जगाया. प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में समारोह की शुरूआत करते हुए कहा, हम महर्षि दयानंद सरस्वती को उनकी 200वीं जयंती पर नमन करते हैं. वह ज्ञान और आध्यात्मिकता के प्रकाशस्तंभ थे. इस मौके पर केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी, अर्जुन राम मेघवाल और मीनाक्षी लेखी भी मौजूद थे. यह भी पढ़ें : यूपी में उद्योगों और उद्यमियों का भविष्य पूरी तरह सुरक्षित: पीयूष गोयल
महर्षि दयानंद सरस्वती, जिनका जन्म 12 फरवरी, 1824 को हुआ था, एक समाज सुधारक थे जिन्होंने प्रचलित सामाजिक असमानताओं का मुकाबला करने के लिए 1875 में आर्य समाज की स्थापना की थी. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि आर्य समाज ने सामाजिक सुधारों और शिक्षा पर जोर देकर देश की सांस्कृतिक और सामाजिक जागृति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कहा कि सरकार समाज सुधारकों और महत्वपूर्ण हस्तियों को सम्मानित करने के लिए प्रतिबद्ध है, विशेष रूप से जिनके योगदान को अभी तक अखिल भारतीय स्तर पर सराहा नहीं गया है.