देहरादून: देश के कई राज्यों में प्रवासी पक्षियों, जंगली एवं देशी कौवों और पोल्ट्री में एवियन इन्फ्लूएंजा यानी बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर सरकार अलर्ट हो गई है. केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और गुजरात में बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आ चुके है. गुरुवार को उत्तराखंड में कुछ स्थानों पर मृत कौवे मिले हैं, जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. जबकि उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बरती जा रही है. नोएडा में तो बर्ड फ्लू संकट को देखते हुए आइसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है. Bird Flu: बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे के चलते इस राज्य का बड़ा फैसला, चिकन बेचने पर लगाया प्रतिबंध
बर्ड फ्लू के प्रकोप के मद्देनजर नई दिल्ली के कृषि भवन में पशुपालन एवं डेयरी विभाग (दूरभाष संख्या 011-23382354) में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है. जबकि स्वास्थ्य मंत्रालय ने बर्ड फ्लू प्रभावित केरल के अलपुझा तथा कोट्टयम जिले तथा हरियाणा के पंचकूला जिला में एक्सपर्ट टीमों की तैनाती की है. अभी तक बर्ड फ्लू का कोई मानवीय मामला नहीं मिला है.
केरल के अलाप्पुझा जिले के थालावाडी दक्षिण, थाकाझी, पल्लीपड एवं करुवट्टेन और कोट्टायम जिले के नीन्दूर गांवों में एवियन इन्फ्लूएंजा के नियंत्रण एवं रोकथाम के लिए केंद्र सरकार ने अभियान चलाया है. प्राप्त जानकारी के अनुसार, पक्षियों को मारने के लिए अलाप्पुझा जिले के उपरोक्त 4 एपिसेंटरों में कुल 5 आरआरटी और कोट्टायम जिले के नीन्दूर एपिसेंटर में 8 आरआरटी तैनात किए गए हैं.
बुधवार तक अलाप्पुझा जिले के एपिसेंटरों में कुल 17,326 पक्षियों (9,066 पल्लीपड में, 8,260 करुवट्टेन में) को मारा जा चुका है और कुल मिलाकर 1,570 किलोग्राम चारे को नष्ट किया गया है. कोट्टायम जिले में एपिसेंटर में 4,229 पक्षियों को मार दिया गया है और 6.01.2021 को कुल 8 किलोग्राम चारे और 42 अंडों को नष्ट कर दिया गया.
इसके अलावा, राजस्थान में जयपुर के काले हनुमानजी फॉरेस्ट नाका से कौवों के कुछ नमूनों में एच5एन8 एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस के संक्रमण पाए गए हैं. तदनुसार, केंद्र सरकार की और से राज्यों को सलाह जारी की गई है ताकि पोल्ट्री तक इस बीमारी के प्रसार को रोका जा सके. आज हरियाणा में 7,111 घरेलू पक्षियों, मध्य प्रदेश में 150 जंगली पक्षियों, गुजरात में 10 कौवों और हिमाचल प्रदेश में 336 प्रवासी पक्षियों में असामान्य मृत्यु पाई गई.
हरियाणा से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पिछले 25 दिनों में बरवाला, पंचकूला में कुल 4,30,267 पक्षियों की मौत हुई है. जांच के लिए इनके नमूनों को निर्धारित प्रयोगशाला में भेजा गया है जिनके परिणाम आना अभी बाकी है. राज्य ने इस बीमारी की रोकथाम और नियंत्रण के लिए 59 आरआरटी का गठन किया है.
भारत में यह बीमारी मुख्य रूप से प्रवासी पक्षियों द्वारा सर्दियों के महीनों यानी सितंबर-अक्टूबर से फरववरी-मार्च के दौरान फैलती है. भारत ने सबसे पहले 2006 में एवियन इन्फ्लूएंजा के प्रकोप को दर्ज किया था. भारत में मनुष्यों में इसके संक्रमण के मामले अब तक सामने नहीं आए हैं लेकिन यह जूनोटिक बीमारी है. फिलहाल इस बात के कोई प्रत्यक्ष प्रमाण नहीं मिले हैं कि दूषित पोल्ट्री उत्पादों को खाने से मनुष्यों में एवियन इन्फ्लूएंजा वायरस का संक्रमण फैल गया.