बिहार: RSS की जांच मामले पर BJP कार्यकर्ता ने ट्वीट कर कहा- गठबंधन तोड़े पार्टी, गिरिराज सिंह ने किया रिट्वीट तो JDU ने दिया ये जवाब
बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पदाधिकारियों के बारे में विवरण जुटाने से संबंधित निर्देश को लेकर पूर्व में जारी एक पत्र के बारे में जानकारी सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद राज्य में उठा सियासी बवंडर शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह भी इस विवाद में कूद पड़े हैं.
बिहार पुलिस (Bihar Police) की स्पेशल ब्रांच की ओर से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के पदाधिकारियों के बारे में विवरण जुटाने से संबंधित निर्देश को लेकर पूर्व में जारी एक पत्र के बारे में जानकारी सोशल मीडिया (Social Media) पर वायरल होने के बाद राज्य में उठा सियासी बवंडर शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. केंद्रीय मंत्री और बिहार के बेगूसराय से सांसद गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) भी इस विवाद में कूद पड़े हैं. दरअसल, गिरिराज सिंह एक ट्वीट को रिट्वीट करने को लेकर फिर से सुर्खियों में हैं. उन्होंने जो ट्वीट रिट्वीट किया है उसमें लिखा है, 'मैं बीजेपी (BJP) के शीर्ष नेतृत्त्व से आग्रह करता हूं कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) जिस तरह से आरएसएस के सभी शाखाओं के जांच का आदेश दिया है. इस अपमान के लिए गठबंधन खत्म किया जाय ताकि कार्यकर्ताओं का मनोबल ऊंचा रहें.' गिरिराज सिंह के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से इस ट्वीट को रिट्वीट किया गया है.
इस बीच, बिहार सरकार में मंत्री और जेडीयू नेता श्याम रजक ने गिरिराज सिंह पर हमला बोला है. श्याम रजक ने उनको सलाह दी कि ‘बिन ब्याही दुल्हन की तरह छमकने की आदत छोड़िए.’ श्याम रजक ने कहा- गिरिराज सिंह को अगर कोई परेशानी है तो वह पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से कहें. गिरिराज केंद्रीय मंत्री हैं. उनका आचरण भी पद की गरिमा के अनुरूप होना चाहिए. ट्वीट और री-ट्वीट पर छमकने से उनको कुछ भी हासिल नहीं होगा. यह भी पढ़ें- बिहार: RSS की 'जासूसी' सियासत की 'प्रेशर पॉलिटिक्स'!
गौरतलब है कि बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक द्वारा बीते 28 मई को लिखे गए पत्र में आरएसएस और उसके 19 सहयोगी संगठनों के जिला स्तर के पदाधिकारियों के नाम, पता, टेलीफोन नंबर और व्यवसाय को लेकर एक रिपोर्ट मांगी गई थी और प्राप्तकर्ताओं को अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर जमा करने के लिए कहा गया था. हालांकि, बिहार के उप-मुख्यमंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने ट्वीट कर कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, अपर पुलिस महानिदेशक को स्पेशल ब्रांच के आदेश के बारे में कोई जानकारी नहीं है और शरारत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.