पटना. बिहार में बाढ़ (Bihar Floods) का कहर लगातार जारी है. नेपाल (Nepal) से आने वाली नदियों के जलस्तर में गुरुवार को भले ही कमी हुई है, परंतु राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की परेशानियों में अभी कोई कमी नहीं आई है. बताना चाहते है की राज्य के 12 जिलों में अभी भी बाढ़ की स्थिति भयावह बनी हुई है. राज्य के 12 जिलों के 92 प्रखंडों के 831 पंचायतों में बाढ़ से हालात गंभीर हो चुके हैं, जिससे करीब 47 लाख की आबादी प्रभावित है.
जानकारी के अनुसार बाढ़ (Bihar Floods) के पानी में डूबने से अब तक 67 की मौत हो चुकी है जबकि हजारों घर तबाह हो चुके हैं. सबसे अधिक 47 लोगों की मौत सीतामढ़ी जिले में हुई है जबकि अररिया में 12 व मधुबनी में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. यह भी पढ़े-बिहार में बाढ़ का कहर: अबतक 67 लोगों की मौत, 46 लाख से अधिक प्रभावित
Katihar: Residents of flood-affected Nargadda & Sanjhli villages in Kadwa block say, "our houses are flooded with water, can't cook. We are crossing the flooded roads to get milk for our children. All of us are stuck. We aren't receiving any help". #Bihar pic.twitter.com/D0wP46Fj7P
— ANI (@ANI) July 17, 2019
बिहार जल संसाधन विभाग के मुताबिक, बिहार (Bihar) में नेपाल (Nepal) से आने वाली कोसी नदी सहित कई नदियों के जलस्तर में गुरुवार को कमी दर्ज की गई है. पूर्णिया की बात करें तो यहां बाढ़ से अब तक 15 लोगों की मौत हुई है वहीं सीतामढ़ी में मौत का आंकड़ा 13 है. अररिया में बाढ़ से अब तक 10 लोगों की मौत हुई है वहीं शिवहर में बाढ़ से अब तक नौ, मधुबनी में सात की मौत, दरभंगा में पांच की मौत, किशनगंज में चार लोगों की मौत हुई है.
सूबे के बाढ़ प्रभावित जिलों में राहत और बचाव का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) खुद इसकी निगरानी कर रहे हैं. कई इलाकों में बाढ़ का पानी घटने की भी खबर है जिससे वहां की स्थिति सामान्य होने के आसार हैं. बाढ़ का सबसे ज्यादा असर दरभंगा और मधुबनी जिले में हुआ है.
वही आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में 185 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं, जिनमें 1.12 लाख से ज्यादा लोग शरण लिए हुए हैं. इसके अलावा 812 सामुदायिक रसोइयां स्थापित की गई हैं.