नई दिल्ली: केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने गुरुवार को कहा कि करीब 940 करोड़ रुपये की बैंक (Bank) धोखाधड़ी (Fraud) के सिलसिले में चार अलग-अलग मामले दर्ज किए गए हैं. एजेंसी ने मामला दर्ज करने के बाद आरोपितों के ठिकानों पर छापेमारी की. सीबीआई के एक अधिकारी ने कहा कि इनमें से एक मामला बैंक ऑफ इंडिया (Bank Of India) की शिकायत पर दर्ज किया गया. शिकायत में कहा गया कि अहमदाबाद (Ahmedabad) स्थित निजी फर्म, उसके निदेशकों और अज्ञात लोक सेवकों के खिलाफ बैंक को 631.97 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया गया. Chit Fund Scam: 49100 करोड़ रुपये के PACL चिटफंड घोटाले में CBI ने 11 लोगों को किया गिरफ्तार
अधिकारी ने कहा कि 2012 से 2016 की अवधि के दौरान कर्जदार कंपनी के निदेशक बैंक ऑफ इंडिया से फंड आधारित और गैर-निधि आधारित क्रेडिट सुविधाओं का आनंद ले रहे थे.
बैंक ने पाया कि फर्म कथित तौर पर अपनी सहयोगी कंपनियों के माध्यम से धन की हेराफेरी करने में शामिल थी, जिसमें सामान्य निदेशक थे. कंपनी कथित तौर पर झूठे बिल जारी करने में शामिल संदिग्ध डीलरों के साथ लेनदेन में भी शामिल थी. बाद में वे उस बैंक को बकाया भुगतान करने में विफल रहे जिसे एनपीए घोषित किया गया था. इससे बैंक को भारी नुकसान हुआ.
सीबीआई अधिकारी ने कहा, "सीबीआई ने निजी कंपनी सहित अहमदाबाद में आरोपी के परिसरों में छह स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए."
दूसरा मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, विशाखापत्तनम शाखा की शिकायत पर आंध्र प्रदेश स्थित एक निजी फर्म के खिलाफ दर्ज किया गया था.
कंपनी ने वित्तीय विवरणों में हेराफेरी के आधार पर 228.02 करोड़ रुपये का कर्ज लिया और नकदी को अपने सहयोगियों को भेज दिया. प्रकाशम जिला (आंध्र प्रदेश) सहित आठ स्थानों पर तलाशी की गई, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए.
तीसरा मामला हैदराबाद की एक निजी फर्म के खिलाफ दर्ज किया गया था. इसने बैंक ऑफ बड़ौदा से बढ़ी हुई परियोजनाओं के आधार पर ऋण लिया और ऋण राशि को व्यावसायिक गतिविधियों के अलावा अन्य के लिए मोड़ दिया. उन्होंने कर्ज नहीं चुकाया और बैंक को 44.60 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ.
चौथा मामला पंजाब नेशनल बैंक द्वारा रायसेन (मध्य प्रदेश) स्थित एक निजी फर्म के खिलाफ पंजाब नेशनल बैंक को ऋण के बहाने 35.55 करोड़ रुपये के नुकसान की शिकायत पर दर्ज किया गया था.
सीबीआई ने रायसेन, भोपाल (मध्य प्रदेश) में तीन स्थानों पर आरोपी के परिसरों में तलाशी अभियान चलाया, जिसमें एक निजी कंपनी भी शामिल थी, जिसमें आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए. मामले में आगे की जांच जारी है.