नई दिल्ली. अयोध्या जमीन विवाद मामले ( Ayodhya Land Dispute Case) में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के फैसले के बाद लगातार राजनीति जारी है. इस बीच देश की सबसे बड़ी अदालत में दाखिल पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई के लिए सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक बेंच का फैसला आ गया है. बताना चाहते है कि सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर सभी पुनर्विचार याचिकाएं खारिज कर दी गई है. कोर्ट की पांच जजों की संवैधानिक बेंच ने कुल 18 अर्जियों पर सुनवाई की और सभी को खारिज कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जमीयत उलेमा-ए-हिंद की तरफ से प्रतिक्रिया सामने आयी है. मीडिया से बातचीत में मीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने कहा कि हम इससे दुखी हैं.
अरशद मदनी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया था कि बाबरी मस्जिद को ध्वस्त कर दिया गया था और इसे ध्वस्त करने वाले लोगों को दोषी माना गया था, लेकिन कोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला दिया है. उल्लेखनीय है कि इस मामले में 9 याचिकाएं पक्षकार की ओर से, जबकि 9 अन्य याचिकाकर्ता की ओर से लगाई गई थी. यह भी पढ़े-अयोध्या मामले में 9 नवंबर के फैसले के खिलाफ दायर सभी पुनर्विचार याचिकाओं को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज किया
Arshad Madni, Jamiat Ulema-e-Hind on Supreme Court dismissing all the review petitions in Ayodhya case judgment: We are sad about it. Court had accepted that Babri Masjid was demolished & considered people who demolished it as guilty, but the Court gave judgment in their favour. pic.twitter.com/7uv9kCc7I5
— ANI (@ANI) December 12, 2019
ज्ञात हो कि इससे पहले निर्मोही अखाड़े ने भी सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने का फैसला किया था. निर्मोही अखाड़े ने अपनी अर्जी में कहा कि फैसले के एक महीने बाद भी राम मंदिर ट्रस्ट में उनकी भूमिका तय नहीं हुई है. सुप्रीम कोर्ट इस मामलें में स्पष्ट आदेश दे. लेकिन अब उनकी याचिकाएं खारिज हो गयी हैं.