समस्तीपुर, 24 दिसंबर : बेंगलुरू में पत्नी पर उत्पीड़न का आरोप लगा खुदकुशी करने वाले एआई इंजीनियर अतुल सुभाष के पिता पवन मोदी ने अपना दर्द साझा किया है. उनको अब फिक्र अपने पोते व्योम की है. बिहार के समस्तीपुर में रहने वाले पिता ने आईएएनएस से बात की.
उन्होंने बताया कि उनका पोता कहां है, किस हाल में है, कैसा है इसकी जानकारी नहीं है. पुलिस इस मामले के बारे में कुछ भी नहीं बता पा रही है. पुलिस अगर चाहे तो उसके मोबाइल का उपयोग कर उसके लोकेशन का पता लगा सकती है, लेकिन अभी तक इस दिशा में किसी भी प्रकार का ऐसा कदम नहीं उठाया गया है. उन्हें आशंका है कि पोते के साथ कुछ गलत हो सकता है. बोले, “मेरे पोते के साथ कोई अनहोनी हो सकती है, जैसा कि उनके बेटे के साथ हुआ था. इसके बाद उसने आत्महत्या कर ली .” यह भी पढ़ें : Azam Khan Case: आजम खान से जुड़े 27 मामले में कोर्ट का फैसला आज, मिलेगी राहत या बढ़ेगी मुश्किल
अतुल के पिता ने बताया कि उन्होंने अदालत का रुख भी किया था और सर्वोच्च न्यायालय से आदेश प्राप्त किया था, जिसमें सात तारीख तक तीन राज्यों की पुलिस को आदेश दिया गया था कि बच्चे को हाजिर किया जाए, लेकिन इसके बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हुई है. कानून का दुरुपयोग हो रहा है, विशेष रूप से महिलाओं के लिए बनाए गए कानूनों का, जिनका गलत तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. यह पूरे समाज के लिए एक बड़ा मुद्दा बन गया है और अब पुरुषों के पास अपनी बात रखने के लिए कोई जगह नहीं है.
उन्होंने यह सुझाव दिया कि यह मामला जल्द से जल्द एक निष्पक्ष जांच के तहत सुलझाया जाए और उनके पोते को सुरक्षा और संरक्षण प्रदान किया जाए, ताकि वह अपने परिवार के साथ सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सके.
अतुल के पिता की मानें तो वो उच्चाधिकारियों तक अपनी बात पहुंचा चुके हैं लेकिन अब तक कुछ ठोस होता हुआ नहीं दिखा है. उन्होंने कहा, “ सरकार और उच्च अधिकारियों से मदद की उम्मीद थी, जैसे प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति से शिकायत की गई थी, लेकिन लगता है कि व्यस्तता के कारण उनकी बातों को गंभीरता से नहीं लिया गया.”
वहीं, अतुल सुभाष के भाई विकास ने भी इसे लेकर आईएएनएस से खास बातचीत की. उन्होंने बताया, " इस मामले में समस्तीपुर के पूसा में जीरो एफआईआर दर्ज कराई गई थी लेकिन हमें प्रशासनिक स्तर पर कोई भी सहायता नहीं मिली. हमने कुछ समय पहले एक आवेदन दिया था, जो लगभग पांच-छह दिन पहले मिला था. चार दिन के बाद, यहां के जो सहायक जिला अधीक्षक और जिला कमिश्नर की दखल के बाद हमारी एफआईआर दर्ज की गई."
उन्होंने आगे कहा, सवाल उठता है कि यहां का सिस्टम कितना सक्षम है. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट से राहत की सूचना मिली, जिसमें उन्होंने इस मामले पर संज्ञान लिया. सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने हैबियस कॉरपस पिटिशन पर यूपी, हरियाणा और कर्नाटक सरकार को नोटिस जारी किया और बच्चे को अदालत में पेश करने के लिए कहा है. कोर्ट ने कहा कि इन राज्यों की पुलिस को बच्चे के बारे में जानकारी प्राप्त करनी है. इसके लिए पुलिस को सात जनवरी तक का समय दिया गया है. सात जनवरी के बाद इस मामले की अगली सुनवाई होगी.