VIDEO: जज्बे को सलाम! आशा वर्कर ने गर्भवती महिला को पीठ पर लादकर पहुंचाया हॉस्पिटल, छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले का वीडियो आया सामने
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जशपुर, छत्तीसगढ़: देश के दूर दराज के गांव में आज भी लोगों को काफी परेशानियों का सामना  करना पड़ता है. सड़क और पुल नहीं होने की वजह से इमरजेंसी में स्थिति और ज्यादा गंभीर हो जाती है. ऐसी ही एक घटना छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले से सामने आई है. जहांपर एक आशा वर्कर महिला ने नदी में पुल और सड़क नहीं होने की वजह से प्रेग्नेंट महिला को पीठ पर लादकर उसे नदी पार करवाई. इसके बाद महिला को काफी ज्यादा दर्द होने लगा तो सड़क के किनारे ही उसकी सुरक्षित डिलीवरी करवाई और इसके बाद नवजात और मां को हॉस्पिटल पहुंचाया. ये घटना जशपुर जिले के मनोरा तहसील के सतालूटोली गांव की है.आशा वर्कर महिला का नाम बिफनी बाई बताया जा रहा है. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

जिसमें देख सकते है कि आशा वर्कर महिला को नदी से उठाकर ले जा रही है. इसका वीडियो सोशल मीडिया X पर @KhabarChalisa नाम के हैंडल से शेयर किया गया है. ये भी पढ़े:Video: जान हथेली पर रखकर आंगनवाडी सेविका ने बाढ़ में ऐसे पार की उफनती नदी, नंदुरबार जिले का वीडियो वायरल

आशा वर्कर ने पीठ पर लादकर गर्भवती महिला को पार करवाई नदी

पीठ पर लादकर आशा कार्यकर्ता ने पहुंचाया हॉस्पिटल

जशपुर के मनोरा तहसील के सतालूटोली गांव की यह घटना है, जहां गांव की गर्भवती महिला मंजीता बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई.समय पर चिकित्सा सुविधा न मिल पाने की स्थिति में गांव की आशा कार्यकर्ता बिफनी बाई और दाई रेलों बाई तुरंत उसकी मदद के लिए पहुंचीं. लेकिन सामने बड़ी चुनौती थी . टूटा हुआ पुल, कच्चा रास्ता और तेज बारिश से उफनती नदी.

जान जोखिम में डालकर दिखाई इंसानियत

गांव को मुख्य सड़क से जोड़ने वाला पुल काफी समय से क्षतिग्रस्त है और सड़क नाम मात्र की है. ऊपर से बारिश के कारण रास्ता पूरी तरह कीचड़ से भर गया था और नदी खतरनाक तरीके से बह रही थी. ऐसे हालात में आशा वर्कर ने मंजीता बाई को पीठ पर लादा और सावधानी से नदी पार की.नदी पार करते ही मंजीता की प्रसव पीड़ा बढ़ गई. मुख्य हॉस्पिटल तक पहुंचना मुश्किल था, इसलिए गांव के एक व्यक्ति के घर के सामने, सड़क किनारे ही प्रसव कराना पड़ा. आशा वर्कर, दाई और मंजीता की मां ने मिलकर बच्चे का सुरक्षित जन्म कराया. इसके बाद नवजात और मां को लाठी के सहारे किसी तरह हॉस्पिटल तक पहुंचाया गया.

ग्रामीणों की मज़बूरी

स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि टूटा पुल और खराब सड़कें वर्षों से उनकी समस्या हैं. उन्होंने कई बार प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगाई, लेकिन नतीजा शून्य रहा. इस घटना ने एक बार फिर साफ कर दिया कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी स्वास्थ्य और परिवहन सुविधाएं आज भी एक सपना हैं.