कोलकाता: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) के पश्चिम बंगाल (West Bengal) दौरे से सूबे का सियासी पारा गरमा गया है. दरअसल शाह ने मंगलवार को पश्चिम बंगाल की राजधानी में विवादित राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट्रेशन (एनआरसी) और नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 पर संगोष्ठी को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं दिया जाएगा.
ममता बनर्जी सरकार में कैबिनेट मंत्री अमित मित्रा ने अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि दुर्गापूजा की खुशियों के बीच अमित शाह हमारे लोगों को एनआरसी के नाम पर डरा रहे हैं. हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध और ईसाई शरणार्थियों को इस प्रक्रिया में शामिल नहीं किया जाएगा. यह असंवैधानिक है. एक वर्ग के लोगों को डराया जा रहा है.
इससे पहले अमित शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार एनआरसी के पहले सिटिजन अमेंडमेंट बिल लाने वाली है, इस बिल के तहत भारत में जितने भी हिन्दू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई शरणार्थी आये हैं उन्हें हमेशा के लिए भारत की नागरिकता दी जाने वाली है. उन्होंने आगे कहा ‘मैं आपको स्पष्ट कहना चाहता हूं कि हम एनआरसी ला रहे हैं, उसके बाद हिंदुस्तान में एक भी घुसपैठिए को रहने नहीं देंगे, उन्हें चुन-चुनकर बाहर करेंगे.’
गौरतलब हो कि बीजेपी के वरिष्ठ नेता का यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब पश्चिम बंगाल में एनआरसी के लागू होने के कथित भय से 11 लोगों की मौत हो चुकी है. सैकड़ों लोग शहर और राज्य के अन्य हिस्सों में अपने जन्म प्रमाण पत्र और अन्य दस्तावेज लेने के लिए सरकारी और नगर निकाय के दफ्तरों के बाहर कतार लगाए खड़े हैं, ताकि अगर राज्य में एनआरसी को लागू किया जाए तो उनकी तैयारी पूरी रहे.
We had brought the Citizenship Amendment Bill in the RS, but TMC MPs had not allowed the Upper House to function.
They did not allow the bill to be passed, and due to this, there are people in our country who are yet to get Indian citizenship: Shri @AmitShah #BJP4SonarBangla pic.twitter.com/L0jjU5A4R2
— BJP (@BJP4India) October 1, 2019
इससे पहले भी कई बार अमित शाह ने पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की बात कही है. हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी समेत कई दलों ने इसका विरोध किया है. जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार ने पश्चिम बंगाल में एनआरसी को लागू नहीं करने का संकल्प लिया हुआ है.
West Bengal Minister Amit Mitra: Amid celebrations of Durga Puja, Amit Shah is scaring our people with NRC pitch in Bengal. This is threatening a section of people. Hindu, Sikh, Jain, Buddhist, & Christian refugees will not be included in the process. This is unconstitutional. pic.twitter.com/VyCPp6UqeL
— ANI (@ANI) October 1, 2019
आपको बता दें कि मोदी सरकार द्वारा पेश किए गए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिन्दू, जैन, ईसाई, सिख, बौद्ध और पारसियों को 12 साल के बजाए सात साल तक भारत में रहने पर भारतीय नागरिकता देने की बात कही गई है, भले ही उनके पास कोई भी वैध दस्तावेज नहीं हो. इस विधेयक को आठ जनवरी को लोकसभा ने अपने शीतकालीन सत्र के दौरान पारित कर दिया था लेकिन राज्यसभा में पारित नहीं हो सका था.
(एजेंसी इनपुट के साथ)