मुंबई: मराठा आरक्षण के लिए मुंबई में सबसे बड़ा आंदोलन शुरू हो गया है. मराठा आरक्षण को लेकर मराठा कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल पिछले 14 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं. उन्होंने अब पानी पीने से इनकार कर दिया है. उन्होंने दवा लेना भी बंद कर दिया है. इससे राज्य सरकार पर काफी दबाव बन गया है. इस बीच अब मराठा आरक्षण को लेकर CM एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक मुंबई के सह्याद्री गेस्ट हाउस में शुरू हो गई है. इस बैठक में मराठा आरक्षण के मुद्दे को लेकर कुछ फैसला होने की उम्मीद है. क्या मुंबई बनेगा केंद्र शासित प्रदेश? संसद के विशेष सत्र को लेकर कांग्रेस का बड़ा दावा.
बता दें कि इससे पहले मनोज जारांगे की भूख हड़ताल के बाद राज्य सरकार ने जीआर जारी किया था. लेकिन मनोज जारांगे की मांग है कि उस जीआर में कुनबी वंश का उल्लेख होना चाहिए. साथ ही जारांगे पाटिल इस बात पर जोर दे रहे हैं कि मराठा समुदाय को कुनबी आरक्षण प्रमाणपत्र मिलना चाहिए.
सह्याद्रि गेस्ट हाउस में मीटिंग
Mumbai, Maharashtra | All Party meet on Maratha Reservation issue begins at Sahyadri State Guest House. pic.twitter.com/LTxyAs8cfd
— ANI (@ANI) September 11, 2023
मनोज जरांगे ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र में इस समुदाय ने न्याय पाने के लिए 70 साल तक इंतजार किया है और सत्तारूढ़ तथा विपक्षी दलों को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए. जरांगे से जब संवाददाताओं ने उनकी बिगड़ती सेहत और सलाइन के जरिये शरीर में तरल आहार पहुंचाने के बारे में सवाल किया तो उन्होंने इसकी जरूरत को खारिज कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्हें ‘मराठा आरक्षण के सलाइन’ की जरूरत है.
जरांगे ने कहा कि मराठा समुदाय ने न्याय पाने के लिए 70 साल तक इंतजार किया है और वह अब और प्रतीक्षा नहीं कर सकता. जरांगे ने अपना रुख कड़ा करते हुए कहा था कि उनका अनशन तब तक चलेगा, जब तक महाराष्ट्र के मराठा समुदाय को अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) श्रेणी के तहत कुनबी प्रमाणपत्र नहीं मिल जाता.
वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय के लिये आरक्षण की मांग को लेकर जालना जिले के अंतरवाली सराटी गांव में भूख हड़ताल कर रहे हैं.