अकाली दल ने विधानसभा, लोकसभा चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित की
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चंडीगढ़, 12 जनवरी: शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने शुक्रवार को घोषणा की कि पार्टी राज्य विधानसभा और लोकसभा चुनावों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के अलावा, पंचायत और स्थानीय निकाय चुनावों में महिलाओं को 50 प्रतिशत सीटें देगी. मुक्तसर साहिब में माघी मेले में पहले ऑल-महिला सम्मेलन को संबोधित करते हुए बादल ने कहा, "राज्य में सत्ता में आने पर अकाली दल महिलाओं से संबंधित सभी सामाजिक कल्याण पहलों को बढ़ावा देने के लिए भी प्रतिबद्ध है."

इसके अलावा उन्होंने कहा कि आप सरकार ने 'शगुन' योजना को बंद कर दिया है. सत्ता में आने पर इस योजना को फिर से शुरू किया जाएगा. बादल ने कहा, "हम 'आटा-दाल' योजना के तहत दाल भी देंगे, जिसमें भारी कटौती की गई है. इसके अलावा वृद्धावस्था पेंशन को बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह किया जाएगा." बादल ने हरगोबिंद कौर के नेतृत्व में स्त्री अकाली दल द्वारा आयोजित महिला सम्मेलन को मिली जबरदस्त प्रतिक्रिया की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि जिस तरह से सम्मेलन में महिलाएं एकत्र हुईं, उससे यह साबित होता है कि शिरोमणि अकाली दल में महिलाओं का कितना सम्मान है.  यह भी पढ़े:  देश के सबसे लंबा समुद्री पुल अटल सेतु के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी ने ब्रिज का किया निरीक्षण, देखें वीडियो

उन्होंने माता भाग कौर की वारिस महिलाओं से अपील की कि वे पार्टी के बैनर तले एकजुट होकर इसे और भी मजबूत करें. पंजाबियों को कांग्रेस और आप दोनों ने धोखा दिया है. कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफ करने का वादा किया था, लेकिन कुछ नहीं किया. आप ने 'आटा-दाल' योजना के तहत आटे की आपूर्ति दोगुनी करने, वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने और महिलाओं को 1,000 रुपये प्रति माह देने के बड़े वादे किए थे.

उन्होंने कहा कि पेंशन राशि बढ़ाने के बजाय लाभार्थियों की संख्या में भारी कमी कर दी गई है. जबकि, महिलाएं अभी भी वादे के मुताबिक 1,000 रुपये प्रति माह मिलने का इंतजार कर रही हैं. बादल ने यह भी आरोप लगाया कि ड्रग का खतरा चिंताजनक स्तर पर पहुंच गया है. आप विधायक ड्रग डीलर्स से हर महीने लाखों रुपये ले रहे हैं और पुलिस को तस्करों को गिरफ्तार करने से रोक रहे हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने गुरु साहिबान के काल से लेकर वर्तमान समय तक पंजाब के इतिहास में महिलाओं द्वारा दिए गए बलिदान के बारे में बात की.