अजमेर: एक दंपत्ति ने अपने बच्चे का नाम रखा 'मिराज', पाकिस्तान में भारतीय वायुसेना के सफल एयर स्ट्राइक के बाद लिया यह फैसला
दंपत्ति ने अपने नवजात शिशु का नाम रखा 'मिराज' (Photo Credits:ANI)

अजमेर: जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के पुलवामा (Pulwama) में 14 फरवरी को सीआरपीएफ (CRPF)  के काफिले पर हुए हमले के महज 12 दिन बाद यानी 26 फरवरी को तड़के 3 बजे जब हर कोई नींद की आगोश में समाया था. उसी दौरान भारतीय वायु सेना (Indian Air Force) पाकिस्तान (Pakistan) के बालाकोट (Balakot) में आतंकी कैंपों (Terrorist Camps) पर कहर बनकर टूट पड़ी. भारतीय वायु सेना ने एलओसी के पार जाकर जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी कैंपों पर 1000 किलो के बम गिराए और उनका नामों निशान मिटा दिया. इस ऑपरेशन में वायुसेना के 12 मिराज- 2000 फाइटर प्लेन (Miraj-2000 Fighter plane) शामिल थे. भारत के फाइटर प्लेन मिराज-2000 ने एक ओर जहां पाकिस्तान की नींद उड़ा दी, तो वहीं भारत में हर कोई वायुसेना और इस फाइटर प्लेन की ताकत को सलाम करने में जुट गया.

इस बीच राजस्थान के अजमेर में एक दंपत्ति ने अपने नवजात शिशु का नाम ही भारतीय वायु सेना के फाइटर प्लेन मिराज-2000 के नाम पर रख दिया. इस नवजात शिशु के पिता एस.एस. राठौड़ का कहना है कि हमने अपने बच्चे का नाम मिराज राठौड़ रखा है. मिराज की मदद से भारतीय वायुसेना से पाकिस्तान पर जिस तरह से एयर स्ट्राइक किया. हम चाहते हैं कि हमारा बच्चा बड़ा होकर सुरक्षा बलों में शामिल हो और मिराज फाइटर प्लेन की तरह ही दुश्मन का सफाया करे.

बता दें कि इस लड़ाकू विमान की सबसे खास बात तो यह है कि यह किसी भी देश की सीमा में घुसकर हमला कर सकता है. यह बड़ी ही सटीकता के साथ सीमा के अंदर दाखिल होकर अपने टारगेट को खत्म करने की क्षमता रखता है. यह लड़ाकू विमान हवा से जमीन पर अपने टारगेट का सफाया कर सकती है. यह भी पढ़ें: Surgical Strike 2: इंडियन एयरफोर्स ने इन खासियतों के कारण चुना मिराज-2000 फाईटर प्लेन, जिसने POK में घुसकर पाकिस्तानी आतंकियों का किया खात्मा

भारतीय वायुसेना को मिराज-2000 विमानों की सप्लाई फ्रांस की दसॉल्ट कंपनी ने की है. साल 2015 में कंपनी ने अपग्रेडेड मिराज-2000 लड़ाकू विमान भारत को सौंपे थे. इन विमानों में रेडार और इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम लगे हुए हैं जिनसे इन विमानों की मारक और टोही क्षमता में भारी इजाफा हुआ है.

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी को सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले में 40 जवान शहीद हुए थे. पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने इस हमले की जवाबदारी ली थी. इस हमले का बदला लेने के लिए भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के खैबर पख्तून प्रांत में बालाकोट स्थित जैश-ए-मोहम्मद के कैंप पर कहर बरपाया, जिसमें 350 आतंकियों का सफाया हुआ है.