दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने सोमवार को एयरसेल मैक्सिस केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम (P Chidambaram) और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को गिरफ्तारी से दी गई अंतरिम राहत 18 फरवरी तक बढ़ा दी है. इससे पहले कोर्ट द्वारा दी गई अंतरिम सुरक्षा की तारीख 1 फरवरी थी. कोर्ट ने सोमवारको इस मामले की सुनवाई की तारीख बढ़ाते हुए 18 फरवरी कर दी और साथ ही चिदंबरम और उनके बेटे की अंतरिम राहत भी बढ़ा दी.
सीबीआई ने 19 जुलाई को कांग्रेस नेता चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति, लोक सेवकों सहित 10 अन्य लोगों और 7 कंपनियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किया था. मामले में 11 जनवरी को अदालत ने पी चिदंबरम और कार्ति के खिलाफ सीबीआई और ईडी की ओर से एयरसेल मैक्सिस घोटाले के सिलसिले में दर्ज मामलों में गिरफ्तारी पर रोक की अवधि एक फरवरी तक बढ़ाई थी. यह भी पढ़ें- राम मंदिर विवाद: कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा- 70 साल से टल रहा है मामला, जल्द हो समाधान
Aircel Maxis case: Delhi's Patiala House Court extends the interim protection of P Chidambaram and Karti Chidambaram, after rescheduling the date of hearing in the case. Court extends the interim protection till 18th February, earlier it was scheduled for February 1. pic.twitter.com/gZDhQZ2mqL
— ANI (@ANI) January 28, 2019
क्या है एयरसेल मैक्सिस केस?
यह केस फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड (एफआईपीबी) से जुड़ा है. 2006 में एयरसेल-मैक्सिस डील को पी चिदंबरम ने बतौर वित्त मंत्री ने मंजूरी दी थी. पी चिदंबरम पर आरोप है कि उनके पास 600 करोड़ रुपए तक के प्रोजेक्ट प्रपोजल्स को ही मंजूरी देने का अधिकार था. इससे बड़े प्रोजेक्ट को मंजूरी देने के लिए उन्हें आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति से मंजूरी लेनी जरूरी थी. एयरसेल-मैक्सिस डील केस 3500 करोड़ की एफडीआई की मंजूरी का था. इसके बावजूद एयरसेल-मैक्सिस एफडीआई मामले में चिदंबरम ने कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की मंजूरी के बिना मंजूरी दी गई.
सीबीआई ने इस मामले में चिदंबरम समेत 18 लोगों को आरोपी बनाया है, जिनमें से 11 व्यक्ति और सात कंपनियां हैं. हालांकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ने इन तमाम आरोपों को झूठा बताया है. चिदंबरम का कहना है कि विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड में व्यापक विचार-विमर्श के आधार पर मंजूरी दी गई थी.