नयी दिल्ली, 19 मई: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ने लाखों मरीजों को राहत दी है. अब एम्स में 300 रुपये तक शुल्क वाली सभी जांच मुफ्त में होगी. इस योजना से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है. अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे, ब्लड टेस्ट और यूरिन टेस्ट के लिए अब पैसे देने की जरूरत नहीं होगी. एम्स की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया है कि एम्स प्रबंधन को 300 रुपये तक की सभी जांच के लिए पयोगकर्ता शुल्क को समाप्त करने की मंजूरी देते हुए प्रसन्नता हो रही है. COVID-19: दिल्ली में कोरोना के 520 नए मामले, एक मरीज की मौत.
अधिकारियों ने बताया कि इन मेडिकल जांच को नि:शुल्क करने के बाद हुए राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए एम्स के प्राइवेट वार्ड में कमरों की दरें बढ़ा दी गई हैं.
एम्स प्रबंधन ने गुरुवार शाम को इस आशय का आदेश जारी किया. प्राइवेट वार्ड का शुल्क डेढ़ से दोगुना बढ़ा दिया है. करीब 10 साल बाद प्राइवेट वार्ड का शुल्क बढ़ाया गया है. संस्थान ने निजी वार्डों की दरों में संशोधन को अधिसूचित करते हुए एक अधिसूचना जारी की.
श्रेणी ए के तहत आने वाले कमरे, जो पहले 3,000 रुपये लेते थे, अब 6,000 रुपये और श्रेणी बी के लिए 2,000 रुपये के पहले के शुल्क को बढ़ाकर 3,000 रुपये कर दिया गया है. संशोधित शुल्क 1 जून से लागू होंगे. आदेश के अनुसार, भोजन के लिए लगने वाले शुल्क को 200 रुपये प्रतिदिन से बढ़ाकर 300 रुपये प्रतिदिन कर दिया गया है.