आगरा: ताजमहल में तैनात CISF के जवानों के पास बंदूक की जगह हाथों में गुलेल, वजह है बेहद हैरान करनेवाली
ताजमहल की सुरक्षा में तैनात CISF के जवान (Photo Credits: Facebook)

दुनिया के सात अजूबों में शुमार आगरा (Agra) के ताजमहल (Taj Mahal) में इन दिनों बंदरों (Monkey) ने आतंक मचा रखा है, इन बंदरों के आतंक के चलते यहां आने वाले पर्यटक भी खौफजदा हैं, क्योंकि ये बंदर कई पर्यटकों पर हमला करके उन्हें घायल कर चुके हैं. ऐसे में बंदरों के आतंक से निपटने के लिए यहां (Central Industrial security Force) सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स (CISF) के जवानों को तैनात किया गया है और उनके हाथ में बंदूक की जगह गुलेल नजर आ रही है. ताजमहल की निगरानी में तैनात ये जवान गुलेल (Gulel) चलाकर बंदरों के आतंक से पर्यटकों को बचाते हुए नजर आ रहे हैं.

जानकारी के अनुसार, ताजमहल की सुरक्षा में तैनात किए गए इन सीआईएसएफ के जवानों में एक दर्जन से भी ज्यादा जवानों को बंदूक की जगह गुलेल दी गई है और उन्हें इस ऐतिहासिक स्मारक के पूर्व-पश्चिम गेट के पास बंदरों से पर्यटकों की सुरक्षा के लिए तैनात किया गया है.

यहां बंदरों का आतंक इस कदर सिर चढ़कर बोल रहा है कि वो ताजमहल का दीदार करने आए कई पर्यटकों पर हमला कर चुके हैं. ये अक्सर झुंड में आकर पर्यटकों पर हमला करते हैं. कई विदेशी पर्यटक भी इन बंदरों के आतंक का शिकार हो चुके हैं. ये बंदर पर्यटकों पर हमला करते हैं फिर उनके हाथ से सामान छीनकर फरार हो जाते हैं. यह भी पढ़ें: ताजमहल में बंदरों का आतंक, फ्रांस की महिला व एक अन्य विदेशी पर्यटक को किया घायल

यहां के एक अधिकारी का कहना है कि पहले ताजमहल परिसर से बंदरों को भगाने के लिए लंगूर रखने की योजना बनाई गई थी, लेकिन यह योजना सफल नहीं हो सकी. इसके साथ ही अधिकारी का कहना है कि वन्यजीव संरक्षण एक्ट के तहत बंदरों को मारा नहीं जा सकता, इसलिए उन्हें भगाने के लिए गुलेल की मदद ली जा रही है.

गौरतलब है कि पर्यटकों को खाने के सामान के साथ ताजमहल में प्रवेश नहीं दिया जाता है. जो भी पर्यटक खाने का सामान लेकर आते हैं, चेकिंग के दौरान उसे निकालकर कूड़े के डिब्बे में फेंक दिया जाता है या फिर उन्हें लॉकर में रखने के लिए कहा जाता है.