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February Weather: फरवरी में ही होने लगेगा गर्मी का अहसास, बारिश में भी कमी, IMD ने बताया कैसा रहेगा मौसम

दिल्ली सहित पूरी उत्तर भारत में ठंड का असर लगातार कम होता जा रहा है. जनवरी का मौसम भी इस बार कुछ गर्म रहा. भले ही सुबह और रात के समय ठंड महसूस हो रही है लेकिन दिन के वक्त धूप बेहद तेज लग रही है.

देश Vandana Semwal|
February Weather: फरवरी में ही होने लगेगा गर्मी का अहसास, बारिश में भी कमी, IMD ने बताया कैसा रहेगा मौसम
Representational Image | PTI

February Weather: दिल्ली सहित पूरी उत्तर भारत में ठंड का असर लगातार कम होता जा रहा है. जनवरी का मौसम भी इस बार कुछ गर्म रहा. भले ही सुबह और रात के समय ठंड महसूस हो रही है लेकिन दिन के वक्त धूप बेहद तेज लग रही है. दिन की खिली धूप से पारा चढ़ा हुआ है. जनवरी के बाद अब फरवरी भी अपेक्षाकृत गर्म रहने वाली है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि फरवरी 2025 भी सामान्य से अधिक गर्म रहने वाली है. मौसम विभाग ने बताया कि जनवरी में गर्म और शुष्क मौसम के बाद फरवरी में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.

Delhi Weather: दिल्ली में खत्म हो गई ठंड? जानें ठिठुरन भरी जनवरी आखिर क्यों इस साल रही गर्म.

मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में फरवरी में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पू्र्वानुमान है. महापात्रा ने बताया कि इसी तरह पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

जनवरी की गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड!

IMD के अनुसार, जनवरी 2025 भारत के इतिहास में तीसरी सबसे गर्म जनवरी रही. इस महीने देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे ज्यादा था. पूरे भारत में बारिश भी बेहद कम हुई – सिर्फ 4.5 मिमी, जो 1901 के बाद चौथी बार सबसे कम है.

उत्तर भारत के किसानों के लिए बुरी खबर!

IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, कम बारिश और बढ़ती गर्मी का फसलों पर गंभीर असर पड़ सकता है. गेहूं की फसल का फूलने और दाने भरने का चरण प्रभावित हो सकता है. सरसों और चने की फसल समय से पहले पक सकती है, जिससे उत्पादन कम हो सकता है. सेब और अन्य बागवानी फसलें भी असमय फूल सकती हैं, जिससे फलों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे हल्की सिंचाई जारी रखें ताकि फसलें ज्यादा गर्मी से बच सकें.

उत्तर भारत में क्यों पड़ी कम ठंड?

IMD के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) कमजोर रहे, जिससे बारिश नहीं हुई. अरब सागर से नमी नहीं मिलने के कारण ठंडक नहीं बनी. पिछले तीन सालों से जनवरी की बारिश लगातार घट रही है. मौसम विभाग ने कहा, फरवरी महीने में उत्तर भारत में तेज धूप और शुष्क हवाओं का असर रहेगा. IMD का अनुमान है कि उत्तर भारत में मार्च तक गर्मी और बढ़ेगी. फसलों और जल स्रोतों पर गर्मी का असर दिखने लगेगा.

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दिल्ली सहित पूरी उत्तर भारत में ठंड का असर लगातार कम होता जा रहा है. जनवरी का मौसम भी इस बार कुछ गर्म रहा. भले ही सुबह और रात के समय ठंड महसूस हो रही है लेकिन दिन के वक्त धूप बेहद तेज लग रही है.

देश Vandana Semwal|
February Weather: फरवरी में ही होने लगेगा गर्मी का अहसास, बारिश में भी कमी, IMD ने बताया कैसा रहेगा मौसम
Representational Image | PTI

February Weather: दिल्ली सहित पूरी उत्तर भारत में ठंड का असर लगातार कम होता जा रहा है. जनवरी का मौसम भी इस बार कुछ गर्म रहा. भले ही सुबह और रात के समय ठंड महसूस हो रही है लेकिन दिन के वक्त धूप बेहद तेज लग रही है. दिन की खिली धूप से पारा चढ़ा हुआ है. जनवरी के बाद अब फरवरी भी अपेक्षाकृत गर्म रहने वाली है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने चेतावनी दी है कि फरवरी 2025 भी सामान्य से अधिक गर्म रहने वाली है. मौसम विभाग ने बताया कि जनवरी में गर्म और शुष्क मौसम के बाद फरवरी में भारत के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक तापमान और सामान्य से कम बारिश होने की आशंका है.

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मौसम विभाग ने बताया कि उत्तर-पश्चिम और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में फरवरी में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पू्र्वानुमान है. महापात्रा ने बताया कि इसी तरह पश्चिम-मध्य और प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर अधिकांश क्षेत्रों में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है.

जनवरी की गर्मी ने तोड़े रिकॉर्ड!

IMD के अनुसार, जनवरी 2025 भारत के इतिहास में तीसरी सबसे गर्म जनवरी रही. इस महीने देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे ज्यादा था. पूरे भारत में बारिश भी बेहद कम हुई – सिर्फ 4.5 मिमी, जो 1901 के बाद चौथी बार सबसे कम है.

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IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, कम बारिश और बढ़ती गर्मी का फसलों पर गंभीर असर पड़ सकता है. गेहूं की फसल का फूलने और दाने भरने का चरण प्रभावित हो सकता है. सरसों और चने की फसल समय से पहले पक सकती है, जिससे उत्पादन कम हो सकता है. सेब और अन्य बागवानी फसलें भी असमय फूल सकती हैं, जिससे फलों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे हल्की सिंचाई जारी रखें ताकि फसलें ज्यादा गर्मी से बच सकें.

उत्तर भारत में क्यों पड़ी कम ठंड?

IMD के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) कमजोर रहे, जिससे बारिश नहीं हुई. अरब सागर से नमी नहीं मिलने के कारण ठंडक नहीं बनी. पिछले तीन सालों से जनवरी की बारिश लगातार घट रही है. मौसम विभाग ने कहा, फरवरी महीने में उत्तर भारत में तेज धूप और शुष्क हवाओं का असर रहेगा. IMD का अनुमान है कि उत्तर भारत में मार्च तक गर्मी और बढ़ेगी. फसलों और जल स्रोतों पर गर्मी का असर दिखने लगेगा.

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IMD के अनुसार, जनवरी 2025 भारत के इतिहास में तीसरी सबसे गर्म जनवरी रही. इस महीने देश का औसत तापमान 18.98 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो 1958 और 1990 के बाद सबसे ज्यादा था. पूरे भारत में बारिश भी बेहद कम हुई – सिर्फ 4.5 मिमी, जो 1901 के बाद चौथी बार सबसे कम है.

उत्तर भारत के किसानों के लिए बुरी खबर!

IMD की रिपोर्ट के मुताबिक, कम बारिश और बढ़ती गर्मी का फसलों पर गंभीर असर पड़ सकता है. गेहूं की फसल का फूलने और दाने भरने का चरण प्रभावित हो सकता है. सरसों और चने की फसल समय से पहले पक सकती है, जिससे उत्पादन कम हो सकता है. सेब और अन्य बागवानी फसलें भी असमय फूल सकती हैं, जिससे फलों की गुणवत्ता और उत्पादन प्रभावित हो सकता है. मौसम वैज्ञानिकों ने किसानों को सुझाव दिया है कि वे हल्की सिंचाई जारी रखें ताकि फसलें ज्यादा गर्मी से बच सकें.

उत्तर भारत में क्यों पड़ी कम ठंड?

IMD के मुताबिक, पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbances) कमजोर रहे, जिससे बारिश नहीं हुई. अरब सागर से नमी नहीं मिलने के कारण ठंडक नहीं बनी. पिछले तीन सालों से जनवरी की बारिश लगातार घट रही है. मौसम विभाग ने कहा, फरवरी महीने में उत्तर भारत में तेज धूप और शुष्क हवाओं का असर रहेगा. IMD का अनुमान है कि उत्तर भारत में मार्च तक गर्मी और बढ़ेगी. फसलों और जल स्रोतों पर गर्मी का असर दिखने लगेगा.

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