देश में हाई-स्पीड रेल नेटवर्क का विस्तार लगातार जारी है. मुंबई–अहमदाबाद बुलेट ट्रेन परियोजना के बाद अब केंद्र सरकार अमृतसर से जम्मू के बीच भी बुलेट ट्रेन दौड़ाने की तैयारी कर रही है. यह जम्मू-कश्मीर के लिए वंदे भारत के बाद एक और बड़ा तोहफा माना जा रहा है. नेशनल हाई-स्पीड रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (NHSRCL) ने इस प्रस्तावित प्रोजेक्ट के लिए सर्वे का टेंडर जारी कर दिया है. लगभग 240 किलोमीटर लंबे इस कॉरिडोर को पंजाब के प्रमुख व्यापारिक केंद्र अमृतसर से जम्मू के बीच बनाया जाएगा, जिससे यात्रियों का सफर काफी तेज और आरामदायक हो जाएगा.
दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बढ़ती यात्री मांग को पूरा करना और प्रमुख कमर्शियल शहरों को हाई-स्पीड रेल से जोड़ना है.
अत्याधुनिक तकनीक से होगा रूट सर्वे
इस कॉरिडोर के लिए Aerial LiDAR Survey तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके जरिए जमीन और भूगोल की सटीक मैपिंग की जाएगी. यह अध्ययन अंतिम रूट डिज़ाइन तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.
केंद्र सरकार की बड़ी योजना: देशभर में HSR नेटवर्क का विस्तार
सरकार पहले ही संसद में बता चुकी है कि भारत में हाई-स्पीड रेल का जाल बड़े पैमाने पर फैलाया जाएगा. नई परियोजनाएं शुरू करने से पहले निम्न पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
- तकनीकी व्यवहार्यता
- आर्थिक और वित्तीय लाभ
- यात्री मांग
- फंडिंग और निवेश के विकल्प
सरकार का मानना है कि बुलेट ट्रेन से यात्रा तेज, सुरक्षित और सुविधाजनक होने के साथ-साथ पर्यटन और व्यापार को भी बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा.
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन: 2028 से पटरी पर!
सरकार के मुताबिक 2028 तक साबरमती से वलसाड (Vapi) के बीच बुलेट ट्रेन चलने की संभावना है. 2030 तक पूरा 508 किमी का कॉरिडोर (अहमदाबाद से मुंबई) तैयार हो जाएगा. यह मार्ग महाराष्ट्र और गुजरात के कई बड़े शहरों से होकर गुजरेगा, जिससे दोनों राज्यों में कनेक्टिविटी और इकोनॉमी को बड़ा फायदा होगा.
जम्मू-कश्मीर के लिए गति और विकास का नया दौर
अमृतसर–जम्मू बुलेट ट्रेन शुरू होने से जम्मू-कश्मीर पहुंचने का समय काफी कम हो जाएगा. व्यापारिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा और पर्यटन में बड़ा उछाल आएगा. इससे हजारों नई नौकरियां जुड़ेंगी.
यह परियोजना न सिर्फ तेज सफर बल्कि बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट के लिए भी गेम-चेंजर साबित हो सकती है.













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