कोलकाता, 28 मई: तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमले के कुछ घंटों बाद कुर्मी आंदोलन का प्रमुख चेहरा रहे सरकारी स्कूल के एक सहायक शिक्षक का तबादला किए जाने के बाद पश्चिम बंगाल में एक ताजा विवाद छिड़ गया है. पश्चिम मिदनापुर के अपने पैतृक जिले में बानापुर हाई स्कूल के सहायक शिक्षक कुर्मी नेता राजेश महतो को शनिवार को पश्चिम बंगाल स्कूल शिक्षा विभाग से स्थानांतरण पत्र मिला, जो शुक्रवार को जारी किया गया था, उसी दिन जब बनर्जी के काफिले पर हमला हुआ था. यह भी पढ़ें: WB Teacher Scam: अभिषेक बनर्जी से सीबीआई की पूछताछ पर ममता बनर्जी का तीखा संदेश
महतो का तबादला चमटा आदर्श हाई स्कूल में कर दिया गया, जो महतो के पैतृक जिले से 700 किलोमीटर से अधिक दूर है. अधिसूचना में उन्हें तत्काल प्रभाव से नई जिम्मेदारी संभालने को कहा गया है. कुर्मी समुदाय के लोग काफी समय से अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया था कि महतो को प्रतिशोध के चलते मनमाने ढंग से कूचबिहार में स्थानांतरित कर दिया गया. अधिकारी ने कहा कि मैं इस स्थानांतरण की कड़ी निंदा करता हूं. यह सरकार द्वारा किए गए दमन के अलावा और कुछ नहीं है. मैं राज्य के लोकतंत्र प्रेमी लोगों से अनुरोध करता हूं कि कृपया इसके खिलाफ आवाज उठाएं.
शनिवार को पश्चिमी मिदनापुर जिले के सालबोनी में एक रैली को संबोधित करते हुए, जहां अभिषेक बनर्जी के काफिले पर हमला हुआ था, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि भाजपा कुर्मियों को अन्य आदिवासी समुदायों के खिलाफ भड़काकर राज्य में जाति-हिंसा पैदा करने की कोशिश कर रही है. उन्होंने आरोप लगाया, भाजपा पश्चिम बंगाल में मणिपुर जैसी स्थिति पैदा करने की कोशिश कर रही है, ताकि एनडीए के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को पश्चिम बंगाल में सेना तैनात करने का मौका मिल सके.