सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने दिल्ली सरकार (Delhi Government) बनाम उपराज्यपाल (L-G) मामले में गुरुवार को अपना फैसला सुनाया है. जस्टिस ए. के. सीकरी (Justice A. K. Sikri) और जस्टिस अशोक भूषण (Justice Ashok Bhushan) की बेंच के फैसले के बाद भी मामला अभी पूरी तरह से सुलझा नहीं है, हालांकि कुछ मुद्दों पर जजों ने अपना फैसला साफ किया है. केंद्रीय कैडर के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग के मुद्दे पर दोनों जजों में मतभेद रहा, इसलिए इस मामले को बड़ी बेंच के पास भेज दिया गया है. जस्टिस ए. के. सीकरी और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच हालांकि एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB), जांच आयोग गठित करने, बिजली बोर्ड पर नियंत्रण, भूमि राजस्व मामलों और लोक अभियोजकों की नियुक्ति संबंधी विवादों पर सहमत रही.
Supreme Court refers the issue to a larger bench to decide whether the Delhi government or Lieutenant Governor should have jurisdiction over ‘Services’ in Delhi. pic.twitter.com/SwgYzT6c5N
— ANI (@ANI) February 14, 2019
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की उस अधिसूचना को भी बरकरार रखा कि दिल्ली सरकार का एसीबी भ्रष्टाचार के मामलों में उसके कर्मचारियों की जांच नहीं कर सकता. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि लोक अभियोजकों या कानूनी अधिकारियों की नियुक्ति करने का अधिकार उपराज्यपाल के बजाय दिल्ली सरकार के पास होगा. यह भी पढ़ें- नोएडा: GIP मॉल के बर्गर किंग स्टोर के सेल्स मैनेजर ने ग्राहकों को लगाया 50 लाख का चूना, पेमेंट करते वक्त CCTV कैमरे में देख लेता था पासवर्ड
दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल मामले में सुप्रीम कोर्ट का खंडित फैसला आने के बाद मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल आज दोपहर एक बजे प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे. वहीं, आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने इस फैसले को दिल्ली के लोगों के लिए दुर्भाग्यपूर्ण बताया है.