मध्य प्रदेश के सागर जिले में एक अजीबोगरीब और खौफनाक घटना सामने आई है, जिसमें सोनू नामक एक व्यक्ति का व्यवहार कुत्ते के काटने के बाद बेहद अजीब हो गया. बताया जा रहा है कि कुत्ते के काटने के बाद से सोनू ने स्थानीय लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया और यहां तक कि वह कच्चा मांस भी खाने लगा.
कुत्ते के काटने के बाद शुरू हुई समस्या
सोनू, जो कि सागर के स्थानीय सब्जी मंडी में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करता है, को लगभग दो हफ्ते पहले एक आवारा कुत्ते ने काट लिया था. इसके बाद से उसके व्यवहार में अचानक परिवर्तन आ गया. स्थानीय लोगों ने बताया कि उसने आसपास के लोगों पर हमला करना शुरू कर दिया और यहां तक कि वह कच्चा मांस भी खाने लगा. इस घटना से इलाके में खौफ और अशांति फैल गई है.
स्थानीय व्यापारियों ने की मदद
News18.com के अनुसार, स्थानीय सब्जी विक्रेताओं ने सोनू की हालत को देखते हुए उसे चिकित्सीय सहायता प्रदान करने का प्रयास किया, जिसमें उसे रेबीज के इंजेक्शन भी लगाए गए. बावजूद इसके, सोनू का आक्रामक और असामान्य व्यवहार जारी रहा. सब्जी विक्रेता मोहम्मद राशिद ने बताया कि सोनू ने कुत्ते के काटने के बाद कच्चा मांस खाना शुरू कर दिया और आक्रामक रूप से व्यवहार करने लगा. उन्होंने और अन्य व्यापारियों ने उसे और भी चिकित्सा सहायता प्रदान करने की कोशिश की, लेकिन सोनू ने इसे ठुकरा दिया और अपनी अजीब हरकतें जारी रखी.
लोगों में फैला डर
एक अन्य सब्जी विक्रेता, नरेंद्र ठाकुर ने बताया कि जब वह प्याज खरीदने गया था, तब सोनू ने उसे भी काट लिया. ठाकुर को तुरंत इलाज के लिए ले जाया गया और उसे एहतियात के तौर पर एक इंजेक्शन भी दिया गया.
विशेषज्ञ की राय
बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज के डॉ. सुमित रावत ने बताया कि रेबीज व्यक्ति से व्यक्ति में नहीं फैलता है. उन्होंने कहा कि अगर सोनू को 10 से 12 दिन पहले कुत्ते ने काटा था, तो हो सकता है कि रेबीज ने गंभीर रूप ले लिया हो. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि सोनू का वर्तमान व्यवहार संभवतः मानसिक बीमारी या शराब के अत्यधिक सेवन के कारण हो सकता है. डॉ. रावत ने जनता से अपील की कि वे सोनू से सुरक्षित दूरी बनाए रखें ताकि इस तरह की घटनाओं से बचा जा सके.
इस घटना ने स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल पैदा कर दिया है. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह समस्या रेबीज के बजाय मानसिक विकार से जुड़ी हो सकती है. फिलहाल, यह आवश्यक है कि सोनू को उचित चिकित्सा सहायता मिले और स्थानीय लोग सतर्क रहें.