ग्लिडेन द्वारा किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि भारत में शादीशुदा लोगों के बीच विवाहेतर डेटिंग और गैर-पारंपरिक संबंधों का चलन बढ़ रहा है. यह अध्ययन 25 से 50 वर्ष की आयु के 1,503 शादीशुदा भारतीयों पर आधारित है. यह अब आम हो गया है और अपने साथी के अलावा किसी और के बारे में सोचना कोई बड़ी बात नहीं मानी जाती है.
अध्ययन के कुछ प्रमुख निष्कर्ष
- 60% से अधिक लोग स्विंगिंग, ओपन रिलेशनशिप और सिचुएशनशिप जैसे गैर-पारंपरिक संबंधों में रुचि रखते हैं.
- 36% महिलाओं और 35% पुरुषों को वर्चुअल फ्लर्टिंग में रुचि है.
- 33-35% लोग अपने पार्टनर के अलावा किसी और के साथ रहने का सपना देखते हैं.
- 46% लोग प्लेटोनिक इंटरैक्शन में रुचि रखते हैं. इस मामले में कोलकाता टॉप पर हैं.
- 35% लोग (सबसे अधिक कोच्चि से) डिजिटल दुनिया में ऑनलाइन फ्लर्टिंग में रुचि रखते हैं.
यह अध्ययन भारत में बदलते सामाजिक और सांस्कृतिक मानदंडों को दर्शाता है. लोग अब शादी के बाहर रोमांस और अंतरंगता की तलाश कर रहे हैं। यह बदलाव कई कारकों के कारण हो सकता है, जैसे कि:
- बढ़ती शहरीकरण और आधुनिकीकरण
- महिलाओं की बढ़ती आर्थिक स्वतंत्रता
- इंटरनेट और सोशल मीडिया का प्रसार
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि यह अध्ययन केवल एक छोटे से नमूने पर आधारित है. यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि यह भारत में सभी शादीशुदा लोगों के लिए सच है, लेकिन यह अध्ययन निश्चित रूप से भारतीय समाज में हो रहे बदलावों की ओर इशारा करता है. यह बदलाव शादी की प्रकृति और लोगों के रिश्तों के बारे में सोचने के तरीके को प्रभावित कर सकता है.