पटना, 30 सितम्बर: बिहार (Bihar) के अरवल और सीवान जिलों में गुरुवार को पांच बच्चों समेत 6 लोगों की डूबने से मौत हो गई. अरवल घाट पर जब गांव की कुछ महिलाएं जेउतिया पर्व के बाद पवित्र स्नान करने सोन नदी पर गई तो यह हादसा हो गया. उनके साथ उनके बच्चे भी थे. जेउतिया बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है जब महिलाएं अपने बच्चों की लंबी उम्र के लिए उपवास रखती हैं. 24 घंटे के उपवास के बाद किसी भी जल निकाय में पवित्र डुबकी लगाई जाती है.
पुलिस ने कहा कि माफिया द्वारा भारी अवैध रेत खनन के कारण बच्चों ने नदी की गहराई को गलत समझा और डूब गए. अरवल जिले के अगनूर पुलिस चौकी के एएसआई आरसी सिंह ने कहा, "पवित्र स्नान करने वाली महिलाओं ने 6 बच्चों को बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की. वे उन्हें सदर अस्पताल अरवल ले गईं, जहां उनमें से 4 ने दम तोड़ दिया. दो बच्चों की हालत गंभीर है. "यह भी पढ़े: Rajasthan: बांसवाड़ा में खोले गए माही बांध के गेट, पानी में डूबा संगमेश्वर मंदिर
दूसरी घटना सीवान के डुमरा गांव की है, जहां 14 साल के बच्चे समेत दो लोग तालाब में डूब गए. वयस्क महिला की पहचान सुरजातो देवी के रूप में हुई जबकि बच्चे की पहचान सुमित मांझी के रूप में हुई. सुरजातो डुमरा सती माता मंदिर स्थित तालाब में स्नान करते समय वह गहरे पानी में कूद गए. सुमित उसे बचाने के लिए कूदा, लेकिन असफल रहा वह भी डूब गया. जामो थाने के एसएचओ डीपी सिंह ने कहा, "हमने ग्रामीणों की मदद से दोनों शवों को बाहर निकाल लिया है और सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. "