
छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को सुरक्षा बलों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में 31 नक्सली मारे गए, जबकि 2 जवान शहीद हो गए. बस्तर के आईजी पी. सुंदरराज ने जानकारी देते हुए बताया कि इस ऑपरेशन में 4 जवान गंभीर रूप से घायल हुए, जिनमें से दो ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. अन्य दो जवानों की हालत स्थिर बताई जा रही है और उन्हें बेहतर उपचार के लिए हायर सेंटर भेजा गया है.
कैसे हुई मुठभेड़?
मुठभेड़ बीजापुर और नारायणपुर से सटे महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र के जंगल में हुई. सुरक्षा बलों की एक टीम वहां नक्सल रोधी अभियान पर थी, जब नक्सलियों ने उन पर हमला कर दिया. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 31 नक्सलियों को मार गिराया. आईजी सुंदरराज ने कहा कि मरने वाले नक्सलियों की संख्या अधिक भी हो सकती है, क्योंकि तलाशी अभियान अभी भी जारी है.
ऑपरेशन में बरामद हुए हथियार और विस्फोटक
मुठभेड़ स्थल से सुरक्षा बलों ने कई ऑटोमैटिक हथियार और भारी मात्रा में विस्फोटक बरामद किए हैं. डीआरजी बीजापुर, एसटीएफ और सी-60 के जवान इलाके में तलाशी अभियान चला रहे हैं.
पिछले अभियानों में भी मारे गए थे कई नक्सली
बीजापुर में पहले भी ऐसे बड़े ऑपरेशन हो चुके हैं. 1 फरवरी 2025 को गंगालूर इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 8 नक्सली मारे गए थे. इसके अलावा, जनवरी 2025 में छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा पर गरियाबंद जिले में हुई मुठभेड़ में 16 नक्सली मारे गए थे, जिनमें 90 लाख का इनामी नक्सली चलपति भी शामिल था.
भाजपा सरकार बनने के बाद बढ़ा नक्सल विरोधी अभियान
आईजी पी. सुंदरराज ने बताया कि 1 फरवरी 2025 तक इस साल हुई मुठभेड़ों में 50 से ज्यादा नक्सली मारे जा चुके हैं. छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 219 नक्सली ढेर किए जा चुके हैं. नवंबर 2023 में भाजपा सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने नक्सल विरोधी अभियानों को तेज कर दिया था.
भारत को 2026 तक नक्सल मुक्त करने का लक्ष्य
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद खत्म करने का ऐलान किया है. उन्होंने जनवरी 2025 में बीजापुर में हुए आईईडी हमले के बाद यह दोहराया था. उस हमले में डिस्ट्रिक्ट रिजर्व गार्ड (DRG) के 8 जवान और ड्राइवर शहीद हुए थे.
आईईडी हमले की बड़ी घटना
इस साल 6 जनवरी को नक्सलियों ने आईईडी ब्लास्ट कर सुरक्षा बलों की एक गाड़ी को उड़ा दिया था. इस विस्फोट में 8 DRG जवान और ड्राइवर शहीद हो गए थे. नक्सलियों ने बीजापुर जिले के बेद्रे-कुटरू रोड पर सड़क में प्लांट किए गए आईईडी को डेटोनेट कर दिया था. यह हमला सुरक्षा बलों के लिए एक बड़ा झटका था.
नक्सल उन्मूलन की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता
सरकार और सुरक्षा बल लगातार नक्सलवाद के खिलाफ अभियान चला रहे हैं. हाल के अभियानों में मिली सफलता से यह साफ है कि सुरक्षा बल नक्सलियों पर दबाव बनाने में सफल हो रहे हैं. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर मार्च 2026 तक छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश से नक्सलवाद का सफाया करने के लक्ष्य पर काम कर रही हैं.