दिल्ली में 2 संदिग्ध खालिस्तान समर्थक हिरासत में लिए गए
Delhi Police (Photo: IANS Twitter)

नई दिल्ली: खालिस्तान (Khalistan) समर्थक भित्तिचित्र लिखने के आरोप में दिल्ली पुलिस (Delhi Police) के विशेष प्रकोष्ठ द्वारा गिरफ्तार किए गए दो कथित खालिस्तान समर्थक सिख फॉर जस्टिस (SFJ) के इशारे पर काम कर रहे हैं. अतिरिक्त पुलिस आयुक्त, विशेष प्रकोष्ठ, प्रमोद कुशवाहा (Pramod Kushwaha) ने कहा कि गिरफ्तार व्यक्तियों की पहचान विक्रम सिंह (Vikram Singh) और बलराम सिंह (Balram Singh) के रूप में हुई है.

दोनों खालिस्तानी आतंकी गुरपतवंत सिंह पन्नून के लिए काम करने वाले बताए गए हैं. उन्हें 2 लाख रुपये में काम करने के लिए कहा गया था, लेकिन बाद में उन्हें केवल 2,000 रुपये का भुगतान किया गया. UP: मेहमानों के बीच दूल्हे ने अपने पिता को मारा थप्पड़, दुल्हन ने शादी करने से किया इनकार, जानें फिर क्या हुआ

अधिकारी ने कहा, "विकासपुरी, जनकपुरी, पश्चिम विहार, पीरागढ़ी, मीरा बाग और पश्चिमी दिल्ली के आस-पास के हिस्सों में विभिन्न स्थानों की दीवारों पर अंग्रेजी और गुरुमुखी में कई खालिस्तानी नारे लिखे पाए गए. इंटरनेट पर एक संबंधित वीडियो भी दिखाई दिया, जिसमें एसएफजे के गुरपतवंत सिंह पन्नून ने दावा किया कि ये नारे एसएफजे कैडरों ने लिखे हैं.

पन्नून ने दावा किया था कि खालिस्तान समर्थक राष्ट्रीय राजधानी में पहुंच गए हैं और वे दिल्ली को निशाना बनाएंगे और गणतंत्र दिवस पर शहर में खालिस्तानी झंडा भी फहराएंगे. विभिन्न स्थानों की दीवारों पर अंग्रेजी और गुरुमुखी में ये नारे लिखे गए थे : 'खालिस्तान जिंदाबाद', 'एसएफजे', '1984', 'पंजाब बनेगा खालिस्तान', 'रेफरेंडम 2020 वोट फॉर खालिस्तान.'

स्पेशल सेल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्राथमिकी दर्ज की और मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की. एसीपी ललित मोहन नेगी को आरोपी के बारे में सूचना मिली थी. इसकी जानकारी जुटाई गई और दोनों आरोपियों को पकड़ लिया गया.

उन्होंने कहा, "गिरफ्तार किए गए लोगों को 2 लाख रुपये के एवज में दिल्ली के पश्चिमी हिस्से में खालिस्तानी समर्थक नारों के भित्तिचित्र बनाने के लिए कहा गया था. आरोपी व्यक्तियों ने 18 और 19 जनवरी की रात के दौरान दीवारों पर गुपचुप तरीके से नारे लिखे."

अधिकारी ने कहा, "उन्होंने एसएफजे सदस्यों के वरिष्ठ कैडरों को वीडियो भेजे. पन्नून ने इसे यूट्यूब के माध्यम से प्रसारित किया और गणतंत्र दिवस पर हमले की धमकी देने और दीवारों पर खालिस्तान समर्थक नारे लिखने की जिम्मेदारी लेने का दावा किया."

स्पेशल सेल ने आरोपियों को पकड़ने के लिए एक हजार से ज्यादा सीसीटीवी खंगाले.

पुलिस ने बताया कि विक्रम सिंह और बलराम सिंह दिल्ली के एरोसिटी के एक नामी होटल में ड्राइवर के तौर पर कार्यरत हैं. विक्रम सिंह यूएस में स्थित एसएफजे के एक वरिष्ठ कैडर के साथ घनिष्ठ संबंध में था, जिसे वह पिछले एसोसिएशन से जानता था.

एसएफजे के उस कैडर ने विक्रम से संपर्क किया और खुद को पन्नून का करीबी बताया. उन्होंने आगे उनसे 2 लाख रुपये के बदले खालिस्तानी समर्थक नारे लगाने को कहा. विक्रम ने बलराम को योजना में शामिल किया.

विक्रम ने पश्चिमी दिल्ली की एक दुकान से बहुरंगी स्प्रे खरीदे. आरोपी व्यक्तियों ने इन खालिस्तान समर्थक भित्तिचित्रों को शुरुआती घंटों के दौरान स्प्रे किया और उसी के वीडियो रिकॉर्ड किए और उन्हें एसएफजे सदस्यों को भेज दिया. बाद में दोनों आरोपियों को संबंधित अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें एक सप्ताह की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.