रांची, 29 मार्च: झारखंड में दो लाख 36 हजार राशन कार्ड फर्जी पाए गए हैं. चौंकाने वाली बात यह कि इनमें से ऐसे कार्ड ऐसे लोगों के नाम पर हैं, जो बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और ओडिशा में भी राशन कार्ड बनाकर मुफ्त में राशन ले रहे हैं. ऐसे लोगों की तादाद भी हजारों में है, जो आर्थिक तौर पर सक्षम होने के बाद भी फर्जी तरीके से कार्ड बनवाकर मुफ्त राशन का लाभ उठा रहे हैं. खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग अब इन्हें रद्द करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहा है.
विभाग की जांच में सबसे ज्यादा 35 हजार 834 फर्जी राशन कार्ड में पूर्वी सिंहभूम (जमशेदपुर) जिले में पाए गए हैं. इसी तरह में 26,285 और रांची में 22,135 फर्जी राशन कार्ड पाए गए हैं. दरअसल यह गड़बड़ी तब पकड़ी गई, जब खाद्य सार्वजनिक वितरण एवं उपभोक्ता विभाग ने 1 फरवरी से 21 फरवरी तक वन नेशन वन कार्ड योजना की भौतिक जांच के क्रम में राशन कार्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक कराने का अभियान चलाया. आधार लिंक होने के बाद जब ई-पॉश मशीन पर अंगूठे का निशान लिया गया तो पता चला कि कई राशन कार्ड धारी झारखंड के साथ- साथ ,बिहार, यूपी, दिल्ली, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और ओडिशा से भी राशन कार्ड बनाकर मुफ्त में राशन ले रहे हैं. राज्य में पहले भी फर्जी आधार कार्ड वालों पर कार्रवाई की जा चुकी है. Malware Attacks in India: 2022 में भारत को 7 लाख मैलवेयर अटैक का सामना करना पड़ा, आप भी रहें अलर्ट, जानें इससे कैसें बचें
बीते दिसंबर महीने में राज्य के छह जिलों में साइबर क्रिमिनल्स ने जिलों के आपूर्ति पदाधिकारियों की ऑफिशियल आईडी हैक कर हजारों फर्जी राशन कार्ड बना दिए गए थे. जांच में पाया गया था कि देवघर, हजारीबाग, गिरिडीह, सरायकेला-खरसावां, पाकुड़ और गढ़वा में जिला आपूर्ति पदाधिकारियों (डीएसओ) की आईडी हैक की. देवघर में साइबर क्रिमिनल्स ने लगभग 2500 राशन कार्ड बना लिए. इसके पहले हजारीबाग के डीएसओ की आईडी हैक कर एक हजार से भी ज्यादा ग्रीन राशन कार्ड को प्राइमरी हाउस होल्ड (पीएचएच) कार्ड में बदला दिया गया था. इसी तरह गिरिडीह जिले में भी हैक की गई आईडी का दुरुपयोग कर 2500 से ज्यादा फर्जी राशन कार्ड जारी किए गए थे.