नयी दिल्ली, 19 मार्च : भारत और बांग्लादेश (India and Bangladesh) के इतिहास में 19 मार्च (History of 19 March) की तारीख का एक खास महत्व है. दरअसल वह 19 मार्च 1972 का दिन था जब इन दोनो देशों के बीच मैत्री एवं शांति संधि पर हस्ताक्षर हुये, जिसके साथ परस्पर सहयोग का एक नया युग प्रारंभ हुआ. शांति और सहयोग की आधारशिला पर हुई मैत्री संधि में जिन साझे मूल्यों का उल्लेख किया गया, उनमें उपनिवेशवाद की आलोचना और गुटनिरपेक्षता जैसी बातें शामिल थीं. दोनों देशों ने एक-दूसरे से यह वादा भी किया कि वे कला, साहित्य और संस्कृति के क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देंगे.
देश दुनिया के इतिहास में 19 मार्च की तारीख पर दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1279: मंगोलों ने चीन के सांग वंश का अंत किया.
1571: स्पेनी सैन्य टुकड़ियों ने मनीला पर कब्जा किया.
1920: अमेरिकी सीनेट ने वर्साय की संधि को खारिज किया.
1944 : आजाद हिंद फौज ने पूर्वोत्तर भारत में मुख्य भूमि पर राष्ट्रध्वज फहराया.
1965: इंडोनेशिया (Indonesia) ने सभी विदेशी तेल कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया.
1972 : भारत और बांग्लादेश ने 25 साल की शांति और मैत्री संधि पर हस्ताक्षर किए.
1982 : प्रसिद्ध भारतीय स्वाधीनता सेनानी जे. बी. कृपलानी का निधन.
1998: प्रसिद्ध कम्युनिस्ट नेता एवं केरल के प्रथम मुख्यमंत्री ईएमएस नम्बूदरीपाद (EMS Namboodiripad) का निधन .
1998 : अटल बिहारी वाजपेयी ने दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री का पद संभाला.
1990: विश्व की आईआईएचएफ अनुमोदित पहली महिला आइस हॉकी का आयोजन. यह भी पढ़ें : Uttar Pradesh: 58.7 फीसदी लोगों का है मानना, योगी ने पूरे किए चुनावी वादे : सर्वे
1996 : बोस्निया हर्जेगोविना की राजधानी सरायेवो का पुन: एकीकरण किया गया.
2001 : ब्रिटेन के उच्च सदन ने संगीतकार नदीम के प्रत्यर्पण का प्रस्ताव ठुकराया.
2004 : अमेरिका ने विश्व व्यापार संगठन में चीन पर मुकदमा ठोका.
2005 : पाकिस्तान ने शाहीन-द्वितीय प्रक्षेपास्त्र का सफल परीक्षण किया.
2008 : पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ़ ने सबरजीत की फ़ांसी 30 अप्रैल, 2008 तक रोकी.
2008 : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के विस्तार पर बने नये मसौदे को भारत सहित अधिकतर देशों ने खारिज किया.
2020 : कोरोना वायरस के संक्रमण से देश में चौथी मौत; कुल 173 मामले . प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने महामारी के हालात के बारे में देश के नाम संबोधन में 22 मार्च को सुबह सात बजे से रात नौ बजे तक ‘जनता कर्फ्यू’ का आह्वान किया.