उत्तराखंड: उत्तरकाशी में बादल फटा, भूस्खलन से दो लोगों की मौत, 18-20 लोग लापता
उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी जबकि क्षेत्र में अलग-अलग जगह 18 से 20 लोगों के बहने और मलबे में दबने की सूचना है, हालांकि इनमें से दो लोंगों के शव मिले हैं, प्रशासन ने अभी उन्हीं की मौत की पुष्टि की है.
देहरादून. उत्तराखंड के ज्यादातर स्थानों पर पिछले 24 घंटों से लगातार हो रही भारी बारिश के कारण कई जगह बादल फटने तथा भूस्खलन होने से दो व्यक्तियों की मृत्यु हो गयी जबकि क्षेत्र में अलग-अलग जगह 18 से 20 लोगों के बहने और मलबे में दबने की सूचना है, हालांकि इनमें से दो लोंगों के शव मिले हैं, प्रशासन ने अभी उन्हीं की मौत की पुष्टि की है. उत्तरकाशी जिले के मोरी ब्लॉक में शनिवार-रविवार की दरम्यानी रात बादल फटने से यमुना की सहायक नदियों में आयी बाढ ने कई गांवों में तबाही मचायी जिसमें आराकोट, माकुडी और टिकोची आदि में कई मकान ढह गये.
प्रदेश के आपदा सचिव एस मुरूगेशन ने बताया कि आराकोट और स्नाइल गांवों में दो व्यक्तियों की मौत की पुष्टि हुई है जबकि अन्य जगह भी छह व्यक्तियों के लापता होने की सूचना मिली है. उन्होंने बताया कि मौके पर पहुंचने के लिये हेलीकॉप्टरों की सेवायें लेने का प्रयास किया गया किंतु खराब मौसम के कारण यह संभव नहीं हो पाया. यह भी पढ़े-उत्तराखंड और हिमाचल में आफत की बारिश- उत्तरकाशी में फटा बादल, मनाली-कुल्लू नेशनल हाईवे ब्लॉक, अगले 24 घंटे भारी
उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने बताया कि उनके द्वारा बचाव और राहत कार्यों में शिमला व देहरादून के जिलाधिकारियों से सहयोग मांगा गया है. उन्होंने बताया कि राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), पुलिस व आईटीबीपी तथा रेड क्रॉस की टीमें मौके के लिये भेज दी गयी हैं लेकिन लगातार भारी बारिश के कारण बचाव और राहत कार्यों में बाधा पड़ रही है.
लगातार बारिश तथा मौसम के पूर्वानुमान को देखते हुए जिलाधिकारी चौहान ने कक्षा एक से 12 तक के सरकारी, गैर सरकारी विद्यालयों व आंगनबाड़ी केन्द्रों में 19 अगस्त को अवकाश घोषित कर दिया है। देहरादून के जिलाधिकारी सी रविशंकर ने भी सोमवार को भारी बारिश की चेतावनी को देखते हुए स्कूलों में छुटटी घोषित कर दी है. यह भी पढ़े-उत्तराखंड में बादल फटा, मां-बेटे की मौत, कई मवेशी भी बहे
उत्तराखंड में नदियां उफान पर.
अलकनंदा, पिण्डर, धोली,नंदाकनी, बालखिला नदियां उफान पर हैं. गंगोत्री राजमार्ग चुंगी-बड़ेथी के पास मलबा और पत्थर आने से बंद हो गया है. वहीं गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच भूस्खलन का खतरा देखते हुए यात्रियों को पड़ावों पर रोका गया है. सुबह 8 बजे तक गौरीकुंड से 230 श्रद्धालुओं ने धाम के लिए प्रस्थान किया था. बारिश के चलते रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर बना पुराना झूला पुल टूटा गया है.
चौहान ने अधिकारियों को अर्लट मोड पर रहने के निर्देश देते हुए तहसील स्तर पर लाईट, सेटेलाईट फोन व आपदा उपकरणों को चालू हालात में रखने को कहा है ताकि आपात स्थिति में इनका उपयोग किया जा सके। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को अपने क्षेत्र की नदियों तथा बरसाती नदी-नालों पर भी विशेष नजर बनाये रखने को कहा है.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी उत्तरकाशी के आराकोट व उसके आसपास के क्षेत्रों में बारिश और आपदा के प्रभावितों को जल्द सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने व राहत सामग्री उपलब्ध कराने के निर्देश दिये हैं. चारधाम यात्रा मार्ग पर भी कई स्थानों पर भूस्खलन होने से यात्रा अवरूद्ध हो गयी है. केदारनाथ यात्रा पैदल मार्ग पर मंदाकिनी नदी पर बना एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है जिसके चलते उसे बीच में ही रोकना पड़ा.
इसी प्रकार बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री यात्रा मार्ग पर भी कई जगह भूस्खलन होने से यातायात अवरूद्ध है. हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इससे चारधाम यात्रा पर केवल आंशिक प्रभाव पड़ा है. कैलाश—मानसरोवर यात्रा मार्ग में भूस्खलन का मलबा आ जाने के कारण यात्रा प्रभावित हुई है तथा तीर्थयात्रियों को सुरक्षित जगह पर ले जाया जा रहा है.