
शिवहर में बुधवार की रात को डीजे की कान फाड़ देने वाली आवाज ने एक 15 साल की मासूम बच्ची की जान ले ली. बेचारी बच्ची का नाम पिंकी कुमारी था और वो पहले से ही दिल की मरीज थी. हुआ यूं कि पड़ोस में सोनफी साह के पोते की शादी की मटकोर पूजा चल रही थी. रात के करीब 11 बज रहे थे और डीजे रथ के साथ शोभायात्रा निकल रही थी. पिंकी भी अपने घर वालों के साथ ये सब देखने बाहर निकली थी. तभी डीजे की तेज आवाज सुनकर वो अचानक बेहोश होकर वहीं गिर पड़ी.
अस्पताल में क्या हुआ?
घरवाले घबरा गए और फौरन उसे बाइक पर लादकर सदर अस्पताल ले गए. लेकिन अफसोस, वहां पिंकी की मौत हो गई. परिवार वालों का आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में बहुत लापरवाही की. उनका कहना है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की गई और डॉक्टरों की इसी गलती की वजह से उनकी बच्ची नहीं बच पाई.
लोगों का गुस्सा और प्रदर्शन
अपनी बच्ची को खोने के गम और गुस्से में परिवार वालों ने अस्पताल में ही हंगामा शुरू कर दिया और डॉक्टरों के खिलाफ नारे लगाने लगे. देखते ही देखते वहां और भी स्थानीय लोग जमा हो गए. सब लोग लापरवाह डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे थे. नगर परिषद के सभापति राजन नंदन सिंह भी वहां पहुंचे और उन्होंने भी माना कि ये साफ-साफ डॉक्टरों और अस्पताल की लापरवाही है. उन्होंने कहा कि वो डीएम साहब से मिलकर इस मामले में कार्रवाई करवाएंगे.
पुलिस ने संभाला मामला
जब हंगामा बढ़ा तो शिवहर थाने की पुलिस टीम अस्पताल पहुंची. पुलिस वालों ने जैसे-तैसे लोगों को समझाया-बुझाया और शांत कराया. फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है.
पिता का संघर्ष और पिंकी की कहानी
पिंकी, जो सिर्फ 15 साल की थी, शहर के वार्ड नंबर 5 के रसीदपुर गांव की रहने वाली थी. बेचारी दिल की बीमारी से जूझ रही थी. उसके पिता प्रमोद, जो रिक्शा चलाकर अपने परिवार का पेट पालते हैं, बड़ी मुश्किल से उसका इलाज करा रहे थे. चाचा मोतीलाल साह ने बताया कि पिंकी बहुत ही चुलबुली और हंसमुख लड़की थी और उसे रील्स बनाने का भी शौक था.
दिल्ली के पंत अस्पताल में उसका इलाज चला था और वो काफी ठीक भी हो गई थी. सोचिए, उसके पिता रिक्शा चलाकर हर हफ्ते लगभग 1500 रुपये की दवाएं लाते थे. करीब पांच साल तक उसका इलाज चला था.
पिंकी के चाचा ने ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर आशीष कुमार पर सीधे-सीधे लापरवाही का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि अस्पताल पहुंचने के लगभग एक घंटे बाद पिंकी का इलाज शुरू किया गया, तब तक वो तड़पती रही और किसी ने ध्यान नहीं दिया. परिवार ने पुलिस में शिकायत दर्ज करा दी है और अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की मांग की है ताकि सच सामने आ सके.
ये वाकई में बहुत दुखद घटना है. एक तरफ डीजे का शोर और दूसरी तरफ इलाज में लापरवाही के आरोप. उम्मीद है कि पुलिस जांच में सच सामने आएगा और दोषियों को सजा मिलेगी.