'आज मेरी जो कुछ भी इक्विटी है, सोशल एंटरटेनर के तौर पर मेरी सफलता की वजह से है': आयुष्मान खुराना
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Instagram)

युवा बॉलीवुड स्टार आयुष्मान खुराना (Ayushman Khurana) की लोकप्रियता में हाल के वर्षों के दौरान लगातार इजाफा हो रहा है क्योंकि उन्होंने सिनेमाघरों में बैक टू बैक आठ हिट फिल्में दी हैं. भारत में समावेशी, बातचीत शुरू करने वाले सोशल एंटरटेनर के रूप उनकी बढ़ती विश्वसनीयता ने उन्हें देश के सबसे अधिक डिमांड वाले ब्रांड एंडोर्सर्स (Brand Endorsers) में शामिल कर दिया है. अब, आयुष्मान को एक मोबाइल फोन ब्रांड ने अपना चेहरा बनाया है. जैसा कि हम सब जानते हैं, मोबाइल फोन और बैंकिंग दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां कलाकार के चेहरे की विश्वसनीयता बेहद मायने रखती है. हाल ही में मोबाइल फोन ब्रांड्स ने रॉबर्ट डाउनी जूनियर और विराट कोहली जैसे सुपरस्टार्स को साइन किया है. इसलिए, मोबाइल फोन ब्रांड द्वारा आयुष्मान को अपना चेहरा बनाए जाने का निश्चित तौर यह मतलब है कि लोगों में उनकी विश्वसनीयता बढ़ रही है.

आयुष्मान से यह पूछे जाने पर कि ऐसी कौन सी खूबी है जो उन्हें इतना ब्रांड फ्रेंडली बनाती है, उन्होंने कहा, “आज जो कुछ भी मेरी पहचान है, वह विशेष रूप से सोशल एंटरटेनर के तौर पर मेरी सफलता की वजह से है, जिसने मुझे भारत के लोगों से जोड़ा है. मेरी फिल्मों ने लोगों को बताया है कि मैं कौन हूं, कैसा सोचता हूं और एक एंटरटेनर के तौर पर मेरा उद्देश्य क्या है." यह भी पढ़ें : Sapna Choudhary Video: सपना चौधरी का नया हेयर स्टाइल कर देगा आपको खुश, देखें हरयाणवी डांसर का सेक्सी स्टाइल

वह आगे कहते हैं, " सोचकर अच्छा लगता है कि ब्रांड्स ने इसको नोटिस किया है और वास्तविक लोगों की असली कहानियों को पेश करने की मेरी कोशिश के विचार से जुड़े हैं. इस बात को लेकर मैं रोमांचित महसूस कर रहा हूं कि एक नरेटिव के साथ दर्शकों तक पहुंचने के लिए मैं ब्रांड के विजन और उनके सफर का हिस्सा हूं, जो मेरे सिनेमा में प्रतिध्वनित होती है. मैं शुक्रगुजार हूं कि मेरी फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया है और उन्हें लोगों का प्यार व तारीफें भी मिली हैं.”

आयुष्मान कहते हैं कि वह खुशकिस्मत रहे हैं कि उन्हें सही फिल्में मिलीं जो बहुत बड़ी हिट साबित रहीं. उनका मानना है कि सफलता हमेशा इक्विटी में तब्दील होती है. आयुष्मान कहते हैं “मैंने हमेशा इस सोच में विश्वास किया है कि मैं नहीं बल्कि मेरा काम बोले. मैं उन प्रोजेक्ट्स को चुनने के लिए भाग्यशाली रहा हूं, जिन्होंने भारत में सिनेमा किस तरह यूनिक, लीक को तोड़ने वाला, बातचीत को शुरू करने वाला एंटरटेनर हो सकता है, इस मान्यता को स्थापित करने में योगदान दिया है, जिन्हें कहानियों को बयां करने के लिए रूढ़िवादी मानदंडों का पालन करने की जरूरत नहीं है. "