मुंबई: आलोकनाथ (Alok Nath) पर यौन उत्पीड़न एवं बलात्कार का आरोप लगाने वाली लेखिका-निर्देशिका विनता नंदा (Vinta Nanda) ने शुक्रवार को कहा कि वह इस बात को भली-भांति जानती हैं कि नाथ के साथ उनकी लड़ाई का कोई अंत नहीं है लेकिन लोगों के सहयोग की वजह से वह अब भी इस लड़ाई में बनी हुई हैं. निर्देशिका ने कहा कि ‘मी टू’ (MeToo) अभियान के दौरान वह अपने अगले कदम को सोचे बिना ही सामने आईं थी.
लाडली पहल की साझेदारी में स्क्रीनराइटर्स एसोसिएशन (Screenwriters Association) द्वारा ‘मी टू’ पर आयोजित एक पैनल डिस्कशन (Panel discussion) में विनता ने कहा, “हम सब जानते हैं कि इसका कोई अंत नहीं है. मैं कोई सबूत नहीं ला सकती, वह यह साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने यह नहीं किया और यहां तक कि मैं भी यह साबित नहीं कर सकती कि उन्होंने ऐसा किया है.
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तो हम अदालत में किस बात के लिए लड़ रहे हैं? हम अदालत का समय क्यों बर्बाद कर रहे हैं? 20 साल पहले क्या हुआ इसका समर्थन करने के लिए कोई कानून नहीं है, न कोई अपेक्षा है.”