हिंदी फिल्म उद्योग में वह पिछले चार दशकों से सक्रिय हैं और 2017 तक वे लगभग 200 फिल्में कर चुके थे. हम बात कर रहे हैं अभिनेता जैकी श्रॉफ की, जिनका कहना है कि वे अभी भी दिल की सुनते हैं. इस समय उनकी लगभग पांच फिल्में रिलीज के लिए तैयार हैं.
जैकी ने 1982 में देव आनंद की 'स्वामी दादा' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी. इसके एक साल बाद उन्हें फिल्म 'हीरो' के लिए मुख्य कलाकार के तौर पर लिया गया. इसके बाद वह 'युद्ध', 'कर्मा', 'राम लखन', 'त्रिदेव', 'परिंदा', 'सौदागर', 'खलनायक', '1942 : ए लव स्टोरी' और 'रंगीला' जैसी हिट फिल्मों में नजर आए. हाल ही में वह पर्दे पर जे.पी. दत्ता की 'पलटन' में नजर आए थे.
इतने सालों बाद फिल्म चुनने के लिए मानदंडों के बदलने के सवाल पर उन्होंने मुंबई से ई-मेल पर दिए अपने साक्षात्कार में आईएएनएस को बताया, "कुछ नहीं बदला है. मैं अभी भी अपने दिल की सुनता हूं. कुछ लोग यह सोचते हुए मुझे फिल्मों में लेते हैं कि इससे उनका जीवन या फिल्म बदल जाएगी. कभी मैं बैनर देखता हूं, कभी पटकथा और कभी निर्देशक. लेकिन मैं भावुक हूं."
जैकी का वास्तविक नाम जय किशन काकूभाई श्रॉफ है. जैकी ने ना सिर्फ बॉलीवुड में काम किया है, बल्कि मराठी, कन्नड़, पंजाबी, बांग्ला, मलयाली, तमिल, तेलुगू, भोजपुरी और गुजराती फिल्मों में भी काम किया है.
काम के बीच कभी आराम करने की योजना के सवाल पर उन्होंने कहा, "मेरा काम ही मेरा आराम है. यह मुझे दुनिया के विभिन्न स्थानों की सैर कराता है और मैं विभिन्न प्रकार के लोगों से मिलता हूं."
जैकी (61) का कहना है कि वह स्वस्थ रहने के आकांक्षी हैं और उन्हें जैकी श्रॉफ बनाने वाले लोगों को प्यार और स्नेह वापस देना चाहते हैं.
प्रशंसकों में 'जग्गू दादा' के नाम से प्रसिद्ध जैकी को अक्सर 'बॉलीवुड का कूल ड्यूड' कहा जाता है.
जैकी श्रॉफ फिलहाल 'भारत', 'साहो', 'फिरकी', 'प्रस्थानम' और 'रोमियो अकबर वाल्टर' में काम कर रहे हैं.