भारत के महान उद्योगपति रतन टाटा का निधन हो गया है, जिससे न केवल देश में, बल्कि दुनिया भर में उनके प्रशंसकों और अनुयायियों में शोक की लहर दौड़ गई. रतन टाटा का अंतिम संस्कार मुंबई के वर्ली श्मशान में हुआ, जहां हजारों की संख्या में लोग उन्हें विदाई देने पहुंचे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य प्रमुख हस्तियों ने भी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की.
रतन टाटा का निधन उद्योग जगत में एक युग का अंत है, लेकिन उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. इसी बीच, जी ग्रुप के मालिक सुभाष चंद्रा ने रतन टाटा के जीवन पर एक बायोग्राफिकल फिल्म बनाने की घोषणा की. इस फिल्म को Zee5 पर प्रदर्शित किया जाएगा, और इसे विभिन्न भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाएगा.
सुभाष चंद्रा ने रतन टाटा के साथ अपने संबंधों को साझा करते हुए कहा, “रतन टाटा ने मुझे अपने विचारों और सलाह के लिए हमेशा महत्वपूर्ण समझा. वह एक सच्चे मित्र थे, जो कभी-कभी बिना झिझक अपने विचार व्यक्त करते थे.”
यह फिल्म रतन टाटा के जीवन, उनके कार्यों और उनके उद्योग जगत में दिए गए योगदान को दर्शाएगी. सुभाष चंद्रा ने कहा कि यह फिल्म न केवल भारतीय दर्शकों के लिए, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी रतन टाटा के विचारों और उनके कार्यों को लोगों तक पहुंचाएगी.
I'm deeply saddened to know about #Ratan ji’s demise.His visionary leadership & impact on Indian industry were profound.I regularly interacted with him on corporate issues & will always cherish his legacy of innovation & social responsibility. My condolences to his family.
— Subhash Chandra (@subhashchandra) October 10, 2024
रतन टाटा का योगदान
रतन टाटा ने अपनी करियर में कई महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल कीं, जिनमें टाटा ग्रुप को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना और विभिन्न सामाजिक कार्यों में योगदान देना शामिल है. उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि उद्योग जगत में सफलता केवल धन कमाने में नहीं है, बल्कि समाज के उत्थान में भी है.
रतन टाटा का जीवन और उनका काम भारतीय उद्योग जगत में हमेशा याद रखा जाएगा. उनकी जीवनी पर बन रही फिल्म उनके अनुयायियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगी. यह फिल्म न केवल उनकी कहानी सुनाएगी, बल्कि हमें यह भी याद दिलाएगी कि एक सच्चे देशभक्त का क्या मतलब होता है.