Ratan Tata Death Anniversary: भारत के जाने माने दिवगंत बिजनेसमैन और टाटा संस के पूर्व चेयरमैन रतन टाटा (Ratan Tata) की आज यानी 09 अक्टूबर 2025 को पहली पुण्यतिथि (Ratan Tata Death Anniversary) मनाई जा रही है. दरअसल, पिछले साल 9 अक्टूबर 2024 को स्वास्थ्य संबंधी स्वास्थ्य समस्याओं के चलते 86 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था. मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली थी. देश के बड़े बिजनेसमैन होने के बावजूद वे दिखावे से दूर रहकर सादगी भरा जीवन जीने में विश्वास करते थे. उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को पारसी परिवार में हुआ था. बचपन में ही उनके माता-पिता अलग हो गए थे, जिसके बाद रतन टाटा की परवरिश उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने की. रतन टाटा ने अमेरिका से अपनी शुरुआती पढ़ाई की थी, जिसके बाद उन्होंने अमेरिका के ही कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बी.आर्क की डिग्री प्राप्त की. शिक्षा पूरी होने के बाद करीब 2 साल तक अमेरिका के लॉस एंजिल्स में उन्होंने जोन्स और इमन्स में नौकरी की थी, फिर 1962 में जब उनकी दादी नवाजबाई टाटा की तबीयत खराब हुई तो वे नौकरी छोड़कर भारत लौट आए.
रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा ग्रुप का कारोबार बुलंदियों पर पहुंचा और दुनियाभर में टाटा की कंपनियों का विस्तार हुआ. अपनी मेहनत और काबिलियत से रतन टाटा ने विशाल कारोबारी साम्राज्य स्थापित कर दिया. आज भले ही वो हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनकी विरासत हमेशा कायम रहेगी. रतन टाटा की पहली पुण्यतिथि पर आप जीवन को बदलने वाले उनके 10 प्रेरणादायी विचारों को अपनों संग शेयर कर सकते हैं. यह भी पढ़ें: Ratan Tata Images Download: रतन टाटा की यादगार तस्वीरों में देखें उनकी महानता की झलक, श्रद्धांजलि देने के लिए डाउनलोड करें Photos
1- अगर आप तेज चलना चाहते हैं तो अकेले चलिए, लेकिन अगर आप दूर तर चलना चाहते हैं तो साथ चलिए.
2- जीवन में ऊंच नीच होना बहुत जरूरी है, ताकि हम आगे बढ़ते रहें, क्योंकि एक ईसीजी में भी सीधी लाइन का मतलब ये होता है कि हम जिंदा नहीं है.
3- मैं वर्क-लाइफ बैलेंस में यकीन नहीं करता. मैं वर्क-लाइफ इंटीग्रेशन में विश्वास रखता हूं. अपने काम और जीवन को सार्थक बनाइए.
4- लोहे को कोई चीज तबाह नहीं कर सकती, लेकिन इसका खुद का जंग कर सकता है. इसी तरह एक व्यक्ति को उसकी खुद की सोच के अलावा कुछ भी बर्बाद नहीं कर सकता है.
5- मैं सही निर्णय लेने में यकीन नहीं करता. मैं फैसला करता हूं और फिर उसे सही बनाता हूं.
6- हमें कभी भी अपनी जड़ें भूलनी नहीं चाहिए. हम जिस जगह से आते हैं, उसपर हमें हमेशा गर्व होना चाहिए.
7- सफलता को कभी अपने दिमाग में घुसने मत दो और हार को कभी अपने दिल में बसने मत दो.
8- एक दिन आपको ये एहसास होगा कि भौतिक वस्तुओं का कोई मतलब नहीं है. जो चीज मायने रखती है वो है उन लोगों का खुश और स्वस्थ रहना जिनसे आप प्यार करते हैं.
9- जीवन का सबसे बड़ा जोखिम है जोखिम नहीं लेना. एक ऐसी दुनिया जो तेजी से बदल रही है, यहां फेल होने की एक ही रणनीति है- रिस्क नहीं लेना.
10- इस इंतजार में न रहें कि अवसर आप तक आएंगे, अपने खुद के अवसर बनाएं.
इसमें कोई दो राय नहीं है कि उन्होंने अपनी मेहनत और काबिलियत के दम पर एक विशाल कारोबारी साम्राज्य स्थापित किया और देखते ही देखते उद्योग जगत का बड़ा नाम बन गए. उद्योग जगत में उनके महत्वपूर्ण योगदान के लिए उन्हें साल 2000 में पद्म भूषण और फिर 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा उन्हें विदेशों में भी कई सर्वोच्च सम्मान मिले.
उन्हें ऑस्ट्रेलिया के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ऑर्डर ऑफ ऑस्ट्रेलिया से सम्मानित किया गया था, फिर उन्हें फ्रांस में भी इस अवॉर्ड से नवाजा गया था. उन्होंने 86 साल की उम्र में लोकसभा चुनावों के पांचवें चरण में मुंबई में अपना वोट डाला था. अपनी उम्र और स्वास्थ्य समस्याओं के बावजूद रतन टाटा ने न सिर्फ अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया, बल्कि मतदान के दौरान वे काफी उत्साहित भी नजर आए थे.













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