
Ratan Tata's Will And Legacy: मशहूर उद्योगपति रतन टाटा ने अपनी वसीयत में अपने घरेलू कर्मचारियों और कार्यालय स्टाफ के लिए उदारता की मिसाल पेश की. उन्होंने लगभग 3.5 करोड़ रुपये अपने कार क्लीनर्स, चपरासियों और अन्य कर्मचारियों को प्रदान किए. इसके अलावा, उन्होंने अपने कर्मचारियों और एक पड़ोसी द्वारा लिए गए ऋण भी माफ कर दिए.
कर्मचारियों के प्रति उदारता
रतन टाटा ने अपने घरेलू नौकरों के लिए अपनी संपत्ति से 15 लाख रुपये आवंटित किए, जो उन्हें उनकी सेवा की अवधि के अनुसार वितरित किए जाएंगे. वहीं, अंशकालिक सहायकों और कार क्लीनर्स को 1 लाख रुपये दिए जाएंगे.
उनके लंबे समय से कार्यरत कुक, राजन शॉ को 1 करोड़ रुपये मिले, जिसमें 51 लाख रुपये का ऋण माफ किया गया. इसी तरह, उनके बटलर सुब्बैया कोनार को 66 लाख रुपये (जिसमें 36 लाख रुपये का ऋण शामिल है) और उनकी सचिव डेलनाज़ गिल्डर को 10 लाख रुपये दिए गए.
ऋण माफी और अन्य प्रावधान
टाटा ने अपने कार्यकारी सहायक शांतनु नायडू द्वारा एमबीए के लिए लिए गए 1 करोड़ रुपये का ऋण माफ कर दिया. उनके ड्राइवर राजू लियोन को 1.5 लाख रुपये दिए गए और 18 लाख रुपये का ऋण भी माफ किया गया. इसके अलावा, टाटा ट्रस्ट्स के सलाहकार होशी डी. मलेसरा को 5 लाख रुपये, उनके अलीबाग बंगले के देखरेखकर्ता देवेंद्र कटामोलू को 2 लाख रुपये, और उनके व्यक्तिगत सहायक दीप्ति दिवाकरन को 1.5 लाख रुपये दिए गए. उनके चपरासी गोपाल सिंह और पांडुरंग गुरव को 50,000-50,000 रुपये दिए गए. उनके एक और सहायक सरफराज देशमुख का 2 लाख रुपये का ऋण भी माफ किया गया.
पालतू कुत्ते के लिए विशेष प्रावधान
टाटा ने अपने जर्मन शेफर्ड टिटो के लिए भी 12 लाख रुपये आवंटित किए, जिससे हर तिमाही 30,000 रुपये खर्च किए जाएंगे. टिटो की देखभाल की जिम्मेदारी उनके कुक राजन शॉ को सौंपी गई.
पड़ोसी के लिए भी उदारता
टाटा ने अपने पड़ोसी जेक मलाइट द्वारा वारविक बिजनेस स्कूल, यूके में एमबीए के लिए लिए गए 23.7 लाख रुपये का ऋण भी माफ कर दिया. वर्तमान में मलाइट स्विट्जरलैंड में अमेरिकी एयरोस्पेस कंपनी प्रैट & व्हिटनी में कार्यरत हैं.
संपत्ति का वितरण
रतन टाटा की अवशिष्ट संपत्ति का एक-तिहाई हिस्सा पूर्व ताज कर्मचारी मोहिनी दत्ता को दिया गया. उनकी सेशेल्स में स्थित 85 लाख रुपये की भूमि आरएनटी एसोसिएट्स को दी गई, जो एक सिंगापुर-पंजीकृत फंड है. उनकी दो सौतेली बहनें, शिरीन जेजीभॉय और दीना जेजीभॉय, उनकी अवशिष्ट संपत्ति में बराबर की हिस्सेदार होंगी. उनके मित्र मेहली मिस्त्री को अलीबाग स्थित बंगला दिया गया. टाटा ट्रस्ट्स के ट्रस्टी दारियस खंबाटा और अन्य कार्यकारी उनकी वसीयत को पूरा करने के लिए नियुक्त किए गए हैं.
अंतिम संस्कार की व्यवस्था
रतन टाटा ने अपनी वसीयत में यह भी सुनिश्चित किया कि उनके अंतिम संस्कार और अन्य रस्मों का खर्च उनकी संपत्ति से पूरा किया जाए. रिपोर्ट के अनुसार, उनके अंतिम संस्कार पर मात्र 2,500 रुपये खर्च किए गए.
रतन टाटा की यह वसीयत उनकी उदारता और कर्मचारियों के प्रति उनकी संवेदनशीलता को दर्शाती है. उनके द्वारा किए गए यह फैसले उन्हें एक महान उद्योगपति के साथ-साथ एक दयालु और संवेदनशील व्यक्ति के रूप में भी स्थापित करते हैं.